AAP नेता सौरभ भारद्वाज का चुनाव आयोग पर हमला: बोले CEC भाजपा की सेल की तरह काम कर रहे हैं

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 03 अगस्त: दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के खिलाफ तीखे आरोप लगाए हैं। भाजपा-जेडीयू विवादित बयानबाज़ी के बीच—जहां तेजस्वी यादव ने बिहार मतदाता सूची से नाम हटने का आरोप लगाया था—उस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए भारद्वाज ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा की किसी सेल की तरह काम कर रहा है

उन्होंने तंज कसकर कहा, “मुख्य चुनाव आयुक्त ऐसे बयान दे रहे हैं जैसे वे भाजपा इकाई के अध्यक्ष हों। रिटायरमेंट के बाद कुछ अफ़सरों की ‘लॉटरी’ लग जाती है—उन्हें सरकारी गाड़ी, बंगला, रुतबा मिलता रहता है और फिर वे सरकार के पक्ष में हर जगह ढोल बजाने लगते हैं।”

टी.एन. शेषन की तस्वीर लगाने की सलाह

भारद्वाज ने भारतीय चुनाव आयोग की गरिमा बचाने के संकेत देते हुए CEC को एक खास सुझाव भी दिया:
“उन्हें अपने ऑफिस में टी.एन. शेषन की तस्वीर लगानी चाहिए और सुबह‑शाम देखना चाहिए—शायद उनके विचारों में थोड़ी शुद्धता आ जाए।”

टी.एन. शेषन को चुनाव आयोग के इतिहास में सर्वाधिक सख्त और निष्पक्ष आयुक्त माना जाता है, जिनके कार्यकाल में आयोग ने अपनी स्वायत्तता कायम रखी थी।

तेजस्वी यादव के आरोपों का प्रभाव

यह विवाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के उस आरोप से शुरू हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि उनका नाम बिहार की मतदाता सूची से बिना कारण हटाया गया। इस आरोप को लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग पर भारतीय लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों के प्रति सवाल उठाना शुरू कर दिया था।

विरोधियों का बहाव—न्यूट्रैलिटी पर सवाल

चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। राहुल गांधी, शशि थरूर जैसी विपक्षी हस्तियों ने भी आयोग के निर्णयों और व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। अब AAP नेता द्वारा लगाए गए आरोपों ने इस बहस को और तेज़ कर दिया है।

लोकतंत्र की मजबूती या राजनीतिक नमन?

चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था होते हुए लोकतंत्र की रीढ़ बनता है। जब कोई राजनीतिक दल या नेता उस संस्था पर पक्षपात, रिटायरमेंट लाभ या सत्ता-सिस्टम से दोस्ती का आरोप लगाता है, तो लोकतंत्र की आत्मा सवालों के घेरे में आ जाती है।

अब देखने वाली बात यह है कि आयोग इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देता है—क्या वह निष्पक्षता बरकरार रखता है या फिर राजनीतिक दबावों के आगे झुकता हुआ दिखाई देगा?

 

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