स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार, पीएम मोदी और राष्ट्रपति को जताया आभार
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई: भारतीय राजनीति में एक अप्रत्याशित मोड़ लेते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य संबंधी कारणों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र सौंपा। राष्ट्रपति ने मंगलवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया, जिसके बाद यह फैसला औपचारिक रूप से प्रभावी हो गया।
पीएम मोदी ने जताई शुभकामनाएं
उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।”
Shri Jagdeep Dhankhar Ji has got many opportunities to serve our country in various capacities, including as the Vice President of India. Wishing him good health.
श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2025
राष्ट्रपति और पीएम को लिखा भावुक धन्यवाद
धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति के साथ उनका कार्यकाल हमेशा सहकार और समझदारी से भरा रहा। “मैं माननीय राष्ट्रपति के अटूट समर्थन और हमारे बीच बने शानदार कामकाजी रिश्ते के लिए तहे-दिल से शुक्रगुजार हूं,” उन्होंने कहा।
इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद का भी धन्यवाद किया। उन्होंने अपने कार्यकाल के अनुभवों को “सीख से भरा” बताया और संसद के सदस्यों के प्रेम, विश्वास और सहयोग को हमेशा याद रखने की बात कही।
अचानक इस्तीफे पर उठे सवाल
हालांकि उपराष्ट्रपति ने अपने पत्र में केवल स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे “अप्रत्याशित” और “चौंकाने वाला” बताते हुए केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
हाल ही के कुछ सत्रों में धनखड़ की कार्यशैली को लेकर विवादों ने भी जोर पकड़ा था, खासकर जब वे विपक्षी सांसदों के साथ तीखे टकराव में नजर आए थे। ऐसे में इस्तीफा राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.