अच्छे दिन या बुरे दिन ??

अच्छे दिन या बुरे दिन

कल रात को पप्पू को एक सपना आया।
पप्पू ने देखा कि उसके मोबाइल में SMS आया है…… कि भारत सरकार ने 50 लाख रुपये मेरे जन धन योजना वाले बैंक खाते मैं डिपाजिट कर दिए है.

पप्पू बड़ी ख़ुशी से उछलता हुआ कमरे से बाहर आया और मम्मी को बोला — ” देखो देखो अच्छे दिन आ गए..मेरे अकाउंट में 50 लाख आ गए”।

पप्पू की मम्मी बोली “ज्यादा खुश न हो, हम सबके खाते में भी 50 लाख आये है ये देखो..”

मौन-मोहन सिंह ने भी अपना पासबुक दिखाया।

कसम से बड़ा दुःख हुआ पप्पू को.

फिर भी उसने सोचा चलो दोस्तों को दिखाता हूँ..

दोस्त बोले ज्यादा ना उछल हमारे खाते में भी 50 लाख हैं..

पप्पू की सारी ख़ुशी फिर गायब..

उसने फिर सोचा चलो दूकान पर खूब सामान लेता हूँ..

भाई साहब ये रामू चाचा की दूकान क्यों बंद है

एक आदमी बोला–भाई रामू चाचा ने तो दूकान बंद कर दी उन्हें अब दूकान की क्या जरूरत?

उनके खाते में तो 50 लाख आ गऐ हैं। अब काम नही करना पड़ेगा उन्हैं..

फिर सोचा चलो शॉपिंग माल में चलता हूँ..
वहां देखा तो सब दुकान बंद थी उन लोगों को भी 50 लाख मिल गए थे…..

पप्पू ने सोचा कोई बात नही होटल में खूब खाना खाता हूँ, अपनी पसन्द का..

अंदर देखा सब लोग जा चुके थे, सिक्यूरिटी गार्ड भी नही था। मतलब वो भी अमीर बन गया था। उसके पास भी अब 50 लाख थे।

पप्पू बाजार गया तो सब रेहड़ी वाले चाय वाले जूस वाले, सब्जी वाले सब काम छोड़कर बैंक में जा चुके थे, रूपये लेने..

क्योंकि अब किसी को काम करने की कोई जरूरत नही थी सबके पास “50 लाख” रूपये थे.

पप्पू शहर से बाहर गया तो सब फैक्ट्री, बंद सब मजदूरों को 50 लाख मिल चुके थे.

सब नाच गा रहे थे..
—-अच्छे दिन आ गए…
—-अच्छे दिन आ गए…

पप्पू शाम को खेतो की तरफ गया तो खेत में कोई नही था। सब किसान खेती छोड़ कर घर जा चुके थे.. ।

अब उनको धुप बारिश में काम करने की कोई जरूरत नही थी, वो भी अमीर बन चुके थे..

पप्पू हास्पिटल गया, देखा वहां डॉक्टर ताश खेल रहे थे. पूछने पर बोले हमे कोई इलाज़ नही करना अब 50 लाख काफी हैं..
जीवन भर के लिए..

फिर 5 दिन बाद पता चला अचानक लोग भूख से मरने लगे है…

क्योंकि खेत में सब्जी नही उग रही है..

सब राशन की दुकान बंद है..होटल ढ़ाबे भी बंद पड़े है.

लोग बीमारी से मरने लगे हैं.. क्योंकि डॉक्टर भी नही हैं..

पशु भी भूख से मर रहे है.. खेत से चारा नही मिल रहा.

बच्चे भी भूख से रो रहे है. क्योंकि पशु दूध नही दे रहे..

लोग सड़को पर भागे फिर रहे है 1-1 लाख रूपये हाथ में लिए, ये लो भाई 50 हज़ार रूपये 100 ग्राम दूध दे दो.

दो दिन से बच्चा भूख से मर रहा है..

फिर 10 दिन बाद लोग मरने लगे..

कुछ जिन्दा लोग सड़कों
पर रुपयों का बैग लिए घूम रहे है, भाई ये लो ये लो 5 लाख रूपये हमे बस 5 किलो गेहूं दे दो..10 दिन से भूखे हैं..

सब बाजार बंद हो चुके है
अनाज नही है किसी के पास…..

सब तरफ मुर्दा लोग दिख रहे है

और पप्पू भी अपने “50 लाख” रूपये लिए भागा जा रहा है..

ले लो भाई ले लो ये “50 लाख”

बस रोटी का एक टुकड़ा दे दो..

इतने में पप्पू की माँ की आवाज़ आई………

उठ जा कमीने कब से चारपाई को लात मार रहा हूं..

मां बोली “मर गया मर गया” की आवाज़ लगा रहा है, कोई बुरा सपना देखा क्या….?

पप्पू बोला–नही माँ बुरा नही “अच्छे दिनो” का सपना देखा..

उनसे अच्छे तो ये “बुरे दिन” हैं

गरीब सही मगर घर में
अनाज तो है,पानी है।

बच्चे खेल रहे हैं,
पशु खेत में चर रहे हैं।

दुकानों पर भीड़ है,
लोग आ-जा रहे हैं।

चल पड़ा मैं भी अपने
काम पर ये सोचते हुए.. काश•••• ये “50 लाख”

कभी भी किसी के खाते में न आये तो अच्छा है.. वरना फिर काम कौन
करेगा जब सबके पास “50 लाख”होंगे…

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