समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 दिसंबर।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत में पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। यह पहल भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है और देश की आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
एडीबी का यह कदम भारत में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। देश में बाढ़, सूखे और चक्रवातों जैसे प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, जिसके लिए जलवायु जोखिम को कम करने वाले मजबूत और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।
एडीबी के वित्त विशेषज्ञ संजीव कौशिक ने इस पहल पर जोर देते हुए कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। लेकिन इस प्रगति को बनाए रखने के लिए जलवायु अनुकूल और मजबूत बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। एडीबी भारत सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए समर्थन दे रहा है कि आर्थिक विकास टिकाऊ और समावेशी हो।”
एडीबी ने यह भी बताया कि भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे में भारी निवेश की आवश्यकता है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र इस वित्तपोषण अंतर को अकेले पाटने में सक्षम नहीं है। भारत को लगभग 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त जलवायु वित्तपोषण की जरूरत है, जिसे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों से संसाधित करना होगा।
यह ऋण सॉवरेन गारंटी के साथ इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (IIFCL) को प्रदान किया जाएगा। फंड का उपयोग कनेक्टिविटी, ऊर्जा संक्रमण, शहरी विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पूंजी प्रदान करने में किया जाएगा।
भारत, जो दुनिया की सबसे जलवायु प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, के लिए यह ऋण पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करेगा बल्कि देश की आर्थिक प्रगति को भी बढ़ावा देगा।
एडीबी की यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि भारत का आर्थिक विकास केवल तेजी से आगे बढ़े, बल्कि यह टिकाऊ और समावेशी भी हो। यह कदम वैश्विक स्तर पर भारत को जलवायु नेतृत्व के मामले में और अधिक सशक्त बनाएगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.