अधीर रंजन चौधरी ने वरुण गांधी को दिया कांग्रेस में शामिल होने ऑफर -BJP ने पीलीभीत से काटा है टिकट

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 मार्च। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत सीट से टिकट कटने के बाद BJP सांसद वरुण गांधी सुर्खियों में बने हुए हैं. हर कोई वरुण के अगले कदम का इंतजार कर रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने पीलीभीत से मौजूदा पार्टी सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है. BJP से वरुण गांधी टिकट कटने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का भी रिएक्शन आया है. अधीर रंजन चौधरी ने वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल होने का न्योता भी दे दिया है.

‘इस वजह से BJP ने नहीं दिया टिकट’
अधीर रंजन चौधरी ने यह भी दावा किया कि गांधी परिवार से संबंध होने के कारण भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वरुण गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया. चौधरी ने वरुण को एक ‘दबंग नेता’ बताया और कहा कि वह एक साफ छवि वाले पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. निवर्तमान लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने कहा, ‘वह एक दबंग नेता और बहुत शिक्षित व्यक्ति हैं. उनकी छवि साफ-सुथरी है. वरुण गांधी का गांधी परिवार से संबंध है. यही कारण है कि BJP ने उन्हें (लोकसभा चुनाव के लिए) टिकट देने से इनकार कर दिया. मुझे लगता है कि उन्हें (कांग्रेस में शामिल होने) आना चाहिए, हमें बहुत खुशी होगी.’ वरुण और कांग्रेस नेता राहुल गांधी चचेरे भाई हैं.

पीलीभीत से दो बार सांसद रहे हैं वरुण
पीलीभीत से दो बार के लोकसभा सदस्य वरुण गांधी अक्सर केंद्र और उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकारों के बारे में आलोचनात्मक विचार व्यक्त करते रहे हैं. हालांकि, BJP ने उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से दोबारा उम्मीदवार बनाया है. BJP ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पीलीभीत सीट से वरुण गांधी की जगह कांग्रेस के पूर्व सदस्य जितिन प्रसाद को टिकट दिया है.

19 अप्रैल से 1 जून तक वोटिंग, 4 को रिजल्ट
लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में वोट डाले जाएंगे. आम चुनाव में लगभग 97 करोड़ मतदाता वोट डालने के पात्र हैं. वोटों की गिनती 4 जून को होगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) केवल 52 सीटें हासिल करने में सफल रही. 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 282 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को केवल 44 सीटें मिलीं थी.

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