समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 8 जुलाई। बहुचर्चित फिल्म आदिपुरुष के लेखक मनोज मुंतशिर ने अपने विवादास्पद संवादों से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शनिवार को माफी मांगी।
मनोज मुंतशिर ने ट्विटर पर पोस्ट किया, “मैं स्वीकार करता हूं कि आदिपुरुष से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मैं हाथ जोड़कर बिना शर्त माफी मांगता हूं। प्रभु बजरंग बली हमें एकजुट रखें और हमारे पवित्र सनातन और हमारे महान राष्ट्र की सेवा करने की शक्ति प्रदान करें।”
मैं स्वीकार करता हूँ कि फ़िल्म आदिपुरुष से जन भावनायें आहत हुईं हैं.
अपने सभी भाइयों-बहनों, बड़ों, पूज्य साधु-संतों और श्री राम के भक्तों से, मैं हाथ जोड़ कर, बिना शर्त क्षमा माँगता हूँ.
भगवान बजरंग बली हम सब पर कृपा करें, हमें एक और अटूट रहकर अपने पवित्र सनातन और महान देश की…— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) July 8, 2023
उनके शब्दों पर नेटिज़न्स की ओर से विभिन्न प्रतिक्रियाएं आईं, कई लोगों का मानना था कि माफी की मांग करने के लिए बहुत देर हो चुकी है।
एक सोशल मीडिया यूजर ने टिप्पणी की, “आपने माफी मांगने में बहुत देर कर दी।”
एक अन्य ने लिखा, “बड़ी जल्दी माफ़ी मांग लीजिए साहब, लेकिन ठीक है, देर आए दुरुस्त आए।”
ओम राउत द्वारा निर्देशित और महाकाव्य रामायण पर आधारित ‘आदिपुरुष’ को इसके प्रीमियर के बाद से कड़ी आलोचना मिल रही है। फिल्म में प्रभास भगवान राम, कृति देवी सीता, सनी सिंह लक्ष्मण और सैफ अली खान रावण की भूमिका में हैं।
कई आलोचकों और समीक्षकों ने फिल्म के विशिष्ट संवादों पर असंतोष व्यक्त किया। ‘मरेगा बेटे’, ‘बुआ का बगीचा है क्या’ और ‘जलेगी तेरे बाप की’ उन संवादों में से हैं, जिन पर विवाद खड़ा हो गया है।
ऐसी आलोचना के बाद, ‘आदिपुरुष’ के लेखकों ने संवादों को संशोधित किया।
विवाद के बीच, मनोज ने अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की. मुंबई पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई और कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि फिल्म के निर्माता, निर्देशक और लेखक के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाए।
दरअसल, आदिपुरुष को लेकर हुई आलोचना और विवाद ने 1987 की रामायण को छोटे पर्दे पर वापस ला दिया क्योंकि निराश दर्शकों ने फिल्म की तुलना हिट शो से की।
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