केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से रोजगार सहायकों ने की मुलाकात

शिवराज सिंह चौहान बोले— पहले वेतन, फिर अन्य खर्च; अब 125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी

  • रोजगार सहायकों का प्रशासनिक व्यय 6% से बढ़ाकर 9% किया गया
  • वेतन में देरी की समस्या दूर करने के लिए नए नियम लागू
  • मनरेगा के तहत अब 100 नहीं, 125 दिन रोजगार की कानूनी गारंटी
  • VB-G RAM G योजना को अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाया गया

समग्र समाचार सेवा
भोपाल | 22 दिसंबर: केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सोमवार को भोपाल में विभिन्न राज्यों के रोजगार सहायकों ने मुलाकात की। इस दौरान रोजगार सहायकों ने प्रशासनिक व्यय को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किए जाने पर आभार व्यक्त किया।

बैठक के दौरान श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंचायत स्तर पर कार्यरत रोजगार सहायकों, पंचायत सचिवों और तकनीकी स्टाफ को समय पर वेतन न मिलना लंबे समय से एक बड़ी चिंता का विषय था। इसी समस्या के समाधान के लिए प्रशासनिक व्यय बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

अब वेतन भुगतान में नहीं होगी देरी
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि पहले प्रशासनिक व्यय 6 प्रतिशत था, जिसे बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है। कुल प्रस्तावित बजट 1 लाख 51 हजार 282 करोड़ रुपये में से 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि कर्मचारियों के वेतन और प्रशासनिक जरूरतों के लिए सुरक्षित रखी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सबसे पहले वेतन का भुगतान किया जाएगा, उसके बाद अन्य आवश्यक खर्च किए जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक खर्च में किसी प्रकार का अपव्यय न हो, इसके लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी और अनावश्यक मदों में खर्च की अनुमति नहीं दी जाएगी।

125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब मनरेगा के तहत 100 के बजाय 125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी दी गई है। खेती के पीक सीजन को देखते हुए राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वे कटाई-बुवाई के समय अधिकतम 60 दिन तक कृषि कार्यों के लिए अधिसूचना जारी कर सकें।

उन्होंने कहा कि विकसित भारत-VB G RAM G योजना को पहले की तुलना में अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाया गया है, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे गांवों तक पहुंचे।

मजदूरी भुगतान में सख्ती
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यदि मजदूरी का भुगतान 15 दिन के भीतर नहीं होता है, तो मजदूर को अतिरिक्त राशि दी जाएगी। अब मजदूरी महीनों तक लंबित नहीं रहेगी। मौजूदा मजदूरी दरें जारी रहेंगी और हर वर्ष एक तय फार्मूले के तहत बढ़ोतरी होती रहेगी। बीते पांच वर्षों में मजदूरी दरों में लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है।

गांव करेगा अपने विकास का फैसला
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योजना के तहत जल संरक्षण, गांव के बुनियादी ढांचे, आजीविका आधारित कार्य और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव से जुड़े चार प्रकार के कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सोच है कि विकास के काम कागजों में नहीं, बल्कि जमीन पर दिखाई दें। विकसित ग्राम पंचायत योजना के तहत गांव के विकास का फैसला गांव खुद करेगा।

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