समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,4 दिसंबर। दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के हैकिंग हमले का शिकार होने के बाद, जहां चीनी संलिप्तता का संदेह है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी में एक और शीर्ष अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल भी इसकी चपेट में आ गया है. हालांकि, सफदरजंग अस्पताल पर हैकिंग का हमला उतना गंभीर नहीं है जितना एम्स-दिल्ली को सामना करना पड़ा और डेटा लीक होने की संभावना कम है क्योंकि अस्पताल का अधिकांश काम मैनुअल मोड पर चलता है.
सफदरजंग अस्पताल के निदेशक डॉ. बी.एल. शेरवाल ने कहा कि हमला उच्च स्तर का नहीं है और अस्पताल के सर्वर का कुछ हिस्सा प्रभावित हुआ है. डॉ शेरवाल ने कहा, “हैकर्स ने कुछ दिन पहले अस्पताल प्रणाली को प्रभावित किया था और सर्वर एक दिन के लिए डाउन हो गया था. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन के साथ एनआईसी की टीम ने समस्या को ठीक कर दिया है और अस्पताल अब ठीक से चल रहा है, यह कहते हुए कि डेटा सुरक्षित है.
अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल पर साइबर हमला एम्स दिल्ली रैनसमवेयर हमले जैसा नहीं है. उन्होंने बताया कि एक दिन अस्पताल का सर्वर डाउन रहा और बाद में इसे ठीक कर लिया गया. बताया जा रहा है कि अस्पताल की साइट हैग होने की वजह से ज्यादा परेशानी नही हुई. फिलहाल अस्पताल का सभी डेटा सुरक्षित है. अस्पताल के एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि ज्यादातर समय हम अपना काम मैन्युअल रूप से करते हैं. इससे पहले नवंबर में केवल एक दिन के लिए सर्वर डाउन था.
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