
हरियाणा के बल्लभगढ़ की घटना ने पूरे देश का दिल दहला दिया है.एक मुसलमान लड़के ने भारत की हिन्दू बेटी को
दिन दहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी .मसला तथाकथित प्रेम का नहीं हत्या का है .लव जिहाद का है .जबरन धर्म
परिवर्तन का है. प्रदेश में सरकार भाजपा की है.दोषी कहे जाने वाले कांग्रेस के हैं .राज्य अपेक्षाकृत शांत कहा जाने
वाला हरियाणा है .एक हिन्दू की बेटी निकिता तोमर मारी गयी है.क्या उसको न्याय मिलेगा ? कब मिलेगा? एक
बड़ा सवाल है .
गौरतलब है हरियाणा भारत का वो प्रथम राज्य है ,जहाँ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ
अभियान को शुरू किया था.देश व विदेश को एक नया संदेश दिया था.लेकिन काश उनके द्वारा बनाये गए मुख्यमंत्री
मनोहर लाल उनकी भावनाओ को सही ढंग से समझ पाते ? संजो पाते ? प्रदेश की बेटियों की रक्षा कर पाते? बेटियों
की पूर्ण सुरक्षा राज्य सरकार के लिए और केंद्र सरकार के लिए ये एक बड़ा सवाल है .बेटियां सुरक्षित नहीं है.क्यों
नहीं ? कब होगी ?
ये बात सही है कि केंद्र सरकार ने बेटियों की सुरक्षा के लिए कई नए कानून बना दिए हैं ,परन्तु राज्य शासन उन पर
उचित तरीके से अमल नहीं कर रहा है यदि राज्य सरकारे मुस्तैद होती तो निकिता आज जिंदा रहती .हत्यारा ऐसा
बेख़ौफ़ नहीं होता.दिन दहाड़े किसी माँ की कोख सूनी नहीं होती .
इन घटनाओ के बीच हरियाणा के मुख्मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बेशर्मी वाला बयान दिया है .जिससे उनके
सुशासन की पोल पट्टी भी खुलती है.मुख्यमंत्री का कहना है कि अपराध के पहले के बारे में तो कुछ नहीं कहा जा
सकता परन्तु अपराध होने के बाद अपराधी को एक सीमित अवधि में पकड़ लिया जाना पुलिस की काबिलियत
है.बहरहाल जिसकी बेटी की मौत होनी थी ,वो तो हो गयी.वैसे भी बिना परिवार वाले मनोहर लाल किसी परिवार
के दर्द को क्या समझेंगे? आखिर देश या प्रदेश में कानून का इतना खौफ क्यों नहीं है कि कोई भी अपराधी अपराध के
पहले परिणामो के बारे बार बार याद कर सिहरे .ठिठके .जबकि ऐसा क्रूर कानून कई मुसलमानों के देश में भी है.
परन्तु कांग्रेस नेताओ को चुल्लू भर पानी मन डूब मरना चाहिए.तौसिफ एक कांग्रेस विधायक का भाई है ,बेटा है
,रिश्तेदार है.मुसलमान है ,कांग्रेस का वोट बैंक है .शायद इसलिए कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह
सुरजेवाला ने उस तौसिफ का नाम नहीं लिया.उसे गुंडा बोला.क़ानूनी कारवाई की बात पर जोर कम, खट्टर सरकार
को ज्यादा कोसा.तौसिफ के भाई कांग्रेस पार्टी के विधायक आफ़ताब आलम व पूर्व विधायक कबीर अहमद का नाम
क्यों नहीं लिया ? लव जिहाद पर क्यों नहीं सवाल उठाया ? क्या कांग्रेस कभी देश की धडकन को समझेगी ? क्या
बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पाने हत्यारे के रिश्तेदार विधायक को पार्टी से निकलने का फरमान जारी करेगी ?
क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी खट्टर सरकार से हत्यारे तौसिफ को सरे आम फांसी दिलाये जाने की मांग
करेगे ? ईश्वर न करे ,कभी ऐसी घटना राहुल गाँधी के परिवार के साथ हो जाये.
इस घटना पर लुटियन मीडिया,वामदलों के नेताओ,अवार्ड वापसी गैंग की बोलती बंद है .यदि यही लड़की मुसलमान
होती तो पूरे देश में अभी तक कोहराम मच गया होता.क्या यही न्याय है ? क्या यही देश की तस्वीर है ? यदि
हरियाणा पुलिस दो साल पहले निकिता तोमर के परिवार वालो की शिकायत पर सही नीयत से कारवाई करती तो
आज एक माँ की गोद नहीं उजडती.निकिता के परिवार वालो ने सरकार से गुहार की है मौत के बदले मौत .लेकिन
अपाने देश का लचर क़ानून व न्यापालिका ऐसा न्याय उस परिवार वालो के लिए कर सकेगा ,ये भी एक बड़ा सवाल
है देश के लिए व देश वासियों के लिए .
वैसे हरियाणा पुलिस ने आरोपी हत्यारा तौसिफ और उसके सहयोगी को महज़ पांच घंटों के अन्दर गिरफ्तार कर
लिया है. पुलिस के अनुसार,तौसिफ ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.वैसे भी उसका बचना मुश्किल था ,क्योकि उसके
द्वारा हत्या का वीडियो पूरे देश ने देखा.ये भी सोशल मीडिया की अनूठी क्रांति कही जा सकती है.
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