समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर। लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद चीनी सेना अब भी वहीं मौजूद है, जहां झड़प के समय थी. अमेरिका के पेंटागन की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है. पेंटागन ने एक रिपोर्ट में कहा कि गलवान घाटी में मई 2020 की झड़प के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर निरंतर बल की उपस्थिति बनाए रखी है और बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा है. बता दें कि 2020 में 15-16 जून की रात चीनी सेना से गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी.
बुनियादी ढांचे का विकास जारी: घटना वाली जगह पर अब भी चीनी सेना मौजूद है, ऐसा दावा करने वाली पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में चीन ने एलएसी के साथ सैन्य बुनियादी ढांचे का विकास जारी रखा, इन सुधारों में डोकलाम के पास भूमिगत भंडारण सुविधाएं शामिल हैं. इसमें एलएसी के सभी तीन क्षेत्रों में नई सड़कें; पड़ोसी भूटान में विवादित क्षेत्रों में नए गाँव; पैंगोंग झील पर दूसरा पुल; केंद्र क्षेत्र के पास एक दोहरे उद्देश्य वाला हवाई अड्डा; और कई हेलीपैड शामिल हैं.
एक सीमा रेजिमेंट तैनात: चीन ने 2022 में एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र में रिजर्व में चार संयुक्त हथियार ब्रिगेड (सीएबी) के साथ झिंजियांग और तिब्बत सैन्य जिलों के दो डिवीजनों द्वारा समर्थित एक सीमा रेजिमेंट तैनात की. चीन ने अन्य थिएटर कमांड से पूर्वी क्षेत्र में तीन हल्के से मध्यम सीएबी और एलएसी के मध्य क्षेत्र में अतिरिक्त तीन सीएबी भी तैनात किए हैं.
अधिकांश बल LAC पर मौजूद: पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि हल्के सीएबी का हिस्सा अंततः वापस चला गया, तैनात बलों का अधिकांश हिस्सा एलएसी पर बना हुआ है. मई 2020 से अब तक चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच एलएसी के पास कई स्थानों पर चट्टानों, डंडों और कंटीले तारों से लिपटे डंडों के साथ झड़पें हुई हैं. परिणामी गतिरोध के कारण विवादित सीमा के दोनों ओर सेनाओं का जमावड़ा शुरू हो गया.
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