समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14दिसंबर। काशी के बाद मथुरा की शाही ईदगाह का भी ASI सर्वे होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इजाजत दी. हाईकोर्ट ने अदालत की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग भी स्वीकार की. कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए शाही ईदगाह परिसर के कोर्ट कमीशन सर्वे को मंजूरी दे दी. इसमें अलग-अलग 18 याचिका डाली गई थीं. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक साथ सुनवाई की.
इससे पहले आज, अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा,
“ये अच्छा है कि फैसला आएगा. सर्वे महत्वपूर्ण है. सर्वे स्पष्ट रूप से तथ्यों को दिखाता है.”
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा,
“इलाहाबाद HC ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जहां हमने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण की मांग की थी. तौर-तरीके 18 दिसंबर को तय किए जाएंगे.”
याचिका में क्या मांग की गई थी?
ये याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों ने एडवोकेट हरिशंकर जैन, एडवोकेट विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिए दायर की गई थी.
याचिका में कहा गया है- भगवान कृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है.
याचिका में मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि से सटी हुई जो मस्जिद है, उसमें किसी एडवोकेट से सर्वे कराने की मांग की गई थी.
सर्वे में हाईकोर्ट ने मस्जिद के सर्वे के दौरान साफ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए कहा है. हालांकि, यह सर्वे ज्ञानव्यापी से थोड़ा अलग होगा. क्योंकि वहां पर कोर्ट ने साइंटिफक सर्वे कराया था, जो कि शाही ईदगाह मस्जिद पर यह सर्वे अभी नहीं होगा.
सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर कौन होगा और सर्वे के लिए कितने दिनों का समय दिया जाएगा? इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई 18 दिसंबर को होगी.
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