समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आखिरकार नया सरकारी आवास मिल गया है। केंद्र सरकार के साथ चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद केजरीवाल को नई दिल्ली के 95 लोधी एस्टेट स्थित टाइप 7 बंगला आवंटित किया गया है। यह बंगला पहले भाजपा नेता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा को आवंटित था, जिन्होंने पंजाब से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन पराजित रहे थे।
यह मामला तब शुरू हुआ जब केजरीवाल ने 2024 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और उसी वर्ष अक्टूबर में उन्होंने और उनके परिवार ने सिविल लाइंस स्थित 6 फ्लैगस्टाफ रोड वाले सरकारी आवास को खाली कर दिया। इसके बाद पार्टी को अपने राष्ट्रीय नेता के लिए वैकल्पिक आवास की तलाश करनी पड़ी।
दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए आवास का अभाव
दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्रियों को स्थायी सरकारी आवास देने का कोई प्रावधान नहीं है। इस वजह से आम आदमी पार्टी को अपने नेता के लिए एक अंतरिम समाधान तलाशना पड़ा।
आप के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल, जो वर्तमान में 5 फ़िरोज़शाह रोड (टाइप VII) बंगले में रहते हैं, ने केजरीवाल के लिए अस्थायी आवास उपलब्ध कराने की पहल की। हालांकि, बाद में आप ने कानूनी रास्ता अपनाते हुए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को निर्देश देने की याचिका दायर की कि राष्ट्रीय संयोजक को उपयुक्त आधिकारिक आवास उपलब्ध कराया जाए
‘राष्ट्रीय पार्टी प्रमुख’ होने के आधार पर टाइप 8 बंगले की मांग
आप ने अदालत में यह दलील दी कि केजरीवाल एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के प्रमुख हैं और इस नाते वे टाइप 8 श्रेणी के बंगले के हकदार हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद केंद्र ने आखिरकार 95 लोधी एस्टेट स्थित बंगले को केजरीवाल के लिए उपयुक्त माना।
आवंटित टाइप 7 बंगले में चार बेडरूम, एक हॉल, एक प्रतीक्षालय और भोजन कक्ष है। इसके अलावा दो लॉन हैं — जिनमें से एक बड़ा और दूसरा छोटा है। बंगले के भीतर एक कैंप कार्यालय और कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर भी हैं, जहां स्टाफ लगभग एक दशक से रह रहा है।
बंगले का दौरा और संभावित शिफ्टिंग
सूत्रों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सोमवार को नए बंगले का निरीक्षण किया।
उम्मीद है कि मामूली नवीनीकरण और मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद परिवार जल्द ही इसमें शिफ्ट हो जाएगा।
यह पूरा मामला उस समय सामने आया है जब केजरीवाल को पहले ‘शीशमहल विवाद’ के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जब उनके मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण की लागत को लेकर विपक्ष ने उन्हें घेरा था
राजनीतिक संकेत और संदेश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आवास आवंटन सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत भी है। केंद्र और आप के बीच जारी टकराव के बीच इस निर्णय को आप के लिए ‘आंशिक राहत’ के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टी के अंदर इसे ‘न्यायिक जीत’ बताया जा रहा है, जबकि भाजपा खेमे में इस पर फिलहाल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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