कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने से भड़के कार्यकर्ताओं में मचाया उपदव्र, आनंद शर्मा ने कड़ी कार्रवाई के लिए की मांग

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30सितंबर। किसी से यह बात छिपी नही कि कांग्रेस पार्टी में कई राज्यों में आपसी कलह जमकर हो रहा है जिसके कारण कांग्रेस इन दिनों खुब चर्चा में है। कांग्रेस का यह आपसी कलह पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव में खतरनाक साबित हो सकता है। जिसे ध्यान में रखते हुए कपिल ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए मामलों पर विराम लगाने की सलाह दी थी। उनका कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाना उनके उपर इतना भारी पड़ा कि उनके अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके आवास के बाहर जमकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया। इतना ही नही उन्होनें सिब्बल पर भाजपा पार्टी का एजेंट होने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के इस हरकत से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आनंद शर्मा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होनें कहा कि इस उपद्रव में शामिल लोगों के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

आनंद शर्मा ने ट्वीट किया, ”कपिल सिब्बल के घर पर हमला और उपद्रव के बारे में सुनकर स्तब्ध और आहत हूं। इस निंदनीय कृत्य से पार्टी की बदनामी होती है। इसकी कड़ी भर्त्सना की जानी चाहिए।”

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि मतभिन्नता लोकतंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ”कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह है कि वह कड़ी कार्रवाई करें।”

बता दें कि सिब्बल की ओर से पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किये जाने के बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने बुधवार को सिब्बल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की। सिब्बल के आवास के बाहर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर ‘गेट वेल सून सिब्बल’(सिब्बल आप जल्द स्वस्थ हों) लिखा हुआ था। उन्होंने ‘गद्दारों को पार्टी से बाहर निकालो’ के के नारे भी लगाए।

बहरहाल कांग्रेस का आपसी कलह विरोधी दलों के लिए मुद्दा बनता जा रहा है जिसके कारण कांग्रेस पार्टी को आगामी विधानसभी चुनाव में काफी दिक्कते हो सकती है। अभी आज ही के दिन पार्टी कलह के आपसी मुद्दे का लेकर आम आदमी पार्टी के मुखिया और सीएम अरंविंद केजरीवाल नें पंजाब में यह कह ही दिया है कि पंजाब को संभालना कांग्रेस के बस की बात नही है। यह तो बात रही विरोधी दलों की लेकिन जब कांग्रेस में उनकी अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता ने उन पर सवाल उठाया है और एक के बाद एक दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने पर नाराजगी जाहिर की है तो यह तय है कि आगामी विधानसभी चुनाव में जनता भी कांग्रेस पर सवाल उठाया जिसका खामियाजा कांग्रेस को अपनी हार के साथ भुगतना पड़े।

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