एसबीआई, एनएफसी व आईजीएनसीए में समझौता, लाक किले में होगा आत्मानिर्भर भारत डिजाइन केंद्र का विकास

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 फरवरी। एसबीआई, एनएफसी व आईजीएनसीए में एक समझौता हुआ है। जिसके तहत तीनों मिलकर आत्मानिर्भर भारत सेंटर ऑफ डिजाइन (एबीसीडी) के तहत लाक किले में आत्मानिर्भर भारत डिजाइन केंद्र का विकास करेंगे। इस अनुबंध का उद्देश्य ऐतिहासिक धरोहरों को प्रसिद्ध करना और उन्हें बढ़ावा देना है। इससे ऐतिहासिक धरोहरों की भौगोलिक पहचान होगी।

आत्मानिर्भर भारत की सफलता की कहानी गढ़ेगा यह अनुबंध

इस पहल के माध्यम से, जीआई ऐतिहासिक धरोहरों में आर्थिक मूल्यवर्धन की कल्पना की गई है। यह पहल जीआई धरोहरों के लिए आत्मानिर्भर भारत की सफलता की कहानी का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इसे उपयुक्त रूप से ‘आत्मनिर्भर भारत डिजाइन केंद्र’ कहा जाता है। यह केंद्र न केवल भारत के सबसे दुर्लभ और अद्वितीय शिल्प का उदाहरण देगा, बल्कि लाल किले में रखी कलाकृतियों के लिए एक विशेष और समृद्ध बाजार के साथ समन्वय में डिजाइन को सक्षम करने के लिए कारीगरों और डिजाइनरों के बीच एक सहयोगी मंच भी प्रदान करेगा।

एनसीएफ में योगदानों को आयकर में मिलती है शतप्रतिशत छूट

राष्ट्रीय संस्कृति कोष के माध्यम से संस्कृति मंत्रालय, धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1890 के तहत 28 नवंबर, 1996 को अधिसूचित एक ट्रस्ट के पास विरासत के क्षेत्र में भागीदारी को पोषित करने और स्थापित करने और स्पर्श योग्य और अमूर्त विरासत का बचाव और संरक्षण के लिए संसाधन जुटाने का प्राथमिक आदेश है। एनसीएफ में सभी योगदानों को 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 80जी (2) के तहत 100 फीसदी कर छूट दी जाती है।

एसबीआई देगा 10 करोड़ रुपये

एनसीएफ ने परियोजना का समर्थन करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक से संपर्क किया गया। एसबीआई ने सीएसआर के तहत एबीसीडी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 10 करोड़ रुपये के योगदान देने के साथ सहमति दी है।

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