समग्र समाचार सेवा,
अहमदाबाद, 13 जून: गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एक बार फिर बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की सुरक्षा को लेकर वैश्विक स्तर पर सवाल उठने लगे हैं। यह हादसा मेघानीनगर इलाके में हुआ, जब विमान ने उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर नियंत्रण खो दिया और ज़मीन से टकराते ही आग के गोले में तब्दील हो गया।
इस भीषण दुर्घटना में 200 से अधिक यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई। हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था—जिसे लेकर पहले से ही गंभीर सुरक्षा चिंताएं जताई जाती रही हैं।
सालेहपोर की चेतावनी को मिला दर्दनाक संदर्भ
2024 में बोइंग के वरिष्ठ इंजीनियर सैम सालेहपोर ने 787 ड्रीमलाइनर की असेंबली प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि:
- कंपनी ने शॉर्टकट अपनाए और सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी की।
- विमान की फ्यूजलेज (धड़) जोड़ने में लापरवाही बरती गई।
- कई हिस्सों को ज़बरदस्ती जोड़ा गया, यहां तक कि कर्मचारी उन पर चढ़कर उन्हें जबरन फिट करते थे।
- इससे विमान की लंबी अवधि की स्थिरता और संरचनात्मक मजबूती पर खतरा उत्पन्न होता है।
इस चेतावनी को उस समय नजरअंदाज कर दिया गया था, लेकिन AI171 की त्रासदी ने एक बार फिर सालेहपोर के दावों को प्रासंगिक बना दिया है।
DGCA और FAA ने शुरू की जांच
- भारत की विमानन नियामक संस्था DGCA ने हादसे की फॉरेंसिक और तकनीकी जांच शुरू कर दी है।
- इसके साथ ही अमेरिका की FAA (Federal Aviation Administration) भी 787 ड्रीमलाइनर के निर्माण और गुणवत्ता नियंत्रण पर अपनी निगरानी बढ़ा रही है।
- हालांकि, अभी तक इस हादसे का प्रत्यक्ष संबंध सालेहपोर की चेतावनी से नहीं जोड़ा गया है, लेकिन संदेह की सुई बोइंग की ओर मुड़ गई है।
2011 के बाद 787 ड्रीमलाइनर का पहला बड़ा हादसा
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को 2011 में “अत्याधुनिक और सुरक्षित” विमान के तौर पर पेश किया गया था।
अब तक इस मॉडल की सुरक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठे थे। लेकिन AI171 की दुर्घटना ने इस मिथक को तोड़ दिया है। यह ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है।
बोइंग पहले भी विवादों में
- 737 मैक्स के दो घातक हादसे (2018-19) में 346 मौतें हुई थीं।
- 2024 में Alaska Airlines की फ्लाइट में 737 Max 9 का दरवाज़ा उड़ गया, जिससे फिर इस मॉडल को ग्राउंड किया गया।
- इन हादसों के चलते बोइंग की साख को गहरा झटका लगा और अब ड्रीमलाइनर हादसा उस पर नई आंच बनकर आया है।
एयर इंडिया AI171 की त्रासदी ने एक बार फिर ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री को झकझोर दिया है। बोइंग जैसी बड़ी कंपनी की इंजीनियरिंग प्रक्रियाओं में लापरवाही से हजारों जानें दांव पर लग सकती हैं। अब जबकि DGCA और FAA दोनों मामले की जांच कर रहे हैं, ऐसे में सामूहिक जवाबदेही तय होना जरूरी हो गया है। इस दर्दनाक हादसे से भविष्य में ऐसे विमानों की जांच प्रक्रिया और मापदंडों में कड़ा बदलाव आ सकता है।
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