एआईएडीएमके का चुनावी शंखनाद: ईपीएस ने कोयंबटूर से शुरू किया राज्यव्यापी अभियान

2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे ईपीएस, DMK सरकार को घेरने की रणनीति।

समग्र समाचार सेवा
कोयंबटूर, 7 जुलाई: तमिलनाडु में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए एक राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत कर दी है। यह अभियान कोयंबटूर जिले के मेट्टुपालयम से शुरू हुआ है, जो पार्टी का एक पारंपरिक गढ़ माना जाता है। “लोगों की रक्षा और तमिलनाडु को भुनाना” की थीम पर आधारित यह अभियान राज्य के सभी 234 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा, जिसमें एआईएडीएमके का लक्ष्य जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना है।

DMK सरकार पर हमलावर होंगे ईपीएस

इस अभियान के दौरान ईपीएस सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार पर उसकी कथित “विफलताओं और अधूरे वादों” को लेकर जमकर निशाना साधेंगे। उनके प्रमुख मुद्दों में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति, महिलाओं की सुरक्षा, राज्य में बढ़ते नशीले पदार्थों का खतरा और अति-स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र से जुड़ी चिंताएं शामिल होंगी। ईपीएस जनता को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि डीएमके सरकार राज्य की समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है और एआईएडीएमके ही तमिलनाडु के बेहतर भविष्य की गारंटी दे सकती है।

एआईएडीएमके के लिए अहम है यह अभियान

यह अभियान एआईएडीएमके के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी को 2016 में जे. जयललिता के निधन के बाद से लगातार तीन चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि ईपीएस पार्टी के निर्विवाद नेता के रूप में उभरे हैं, लेकिन एआईएडीएमके अपनी पुरानी गति और चुनावी सफलता को फिर से हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है। यह अभियान पार्टी को फिर से मजबूत करने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का काम करेगा, जो आने वाले चुनावों के लिए अत्यंत आवश्यक है। पार्टी को अपने कैडर को एकजुट करने और जनता के बीच अपना विश्वास फिर से हासिल करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

तमिलनाडु का जटिल राजनीतिक परिदृश्य

तमिलनाडु का राजनीतिक परिदृश्य इस समय काफी जटिल है। एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच गठबंधन में तनाव की खबरें भी सामने आई हैं, जिसने राजनीतिक समीकरणों को और उलझा दिया है। इसके अलावा, अभिनेता विजय की नई पार्टी तमिझागा वेट्री कझगम (टीवीके) का उदय भी एक नया फैक्टर बन गया है, जिसने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। विजय ने खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है और राज्यव्यापी दौरे की योजना बना रहे हैं। खास बात यह है कि विजय ने बीजेपी, एआईएडीएमके या किसी अन्य दल के साथ गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया है। निर्देशक सीमान की पार्टी नाम तमिलर काची (एनटीके) भी एक वाइल्डकार्ड के रूप में उभरी है, जिससे आगामी चुनाव डीएमके-नीत गठबंधन, एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन, टीवीके और एनटीके के बीच चार-कोणीय मुकाबला होने की संभावना है। सत्तारूढ़ डीएमके सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं और राज्यव्यापी सदस्यता अभियान पर भरोसा जता रही है।

आगे की राह और चुनौतियाँ

ईपीएस का यह अभियान एआईएडीएमके को 2026 के चुनावों के लिए एक मजबूत नींव प्रदान करने की कोशिश है। उन्हें न केवल डीएमके की आलोचना करनी होगी, बल्कि जनता को यह विश्वास भी दिलाना होगा कि एआईएडीएमके राज्य की समस्याओं को बेहतर तरीके से हल कर सकती है। नए राजनीतिक खिलाड़ियों के उदय ने इस चुनावी लड़ाई को और भी दिलचस्प बना दिया है। यह देखना होगा कि ईपीएस अपने अभियान के माध्यम से एआईएडीएमके को कितनी मजबूती दे पाते हैं और क्या वे जयललिता के बाद पार्टी को फिर से सत्ता में ला पाते हैं।

 

Comments are closed.