एआईसीटीई और बीपीआरडी ने साइबर खतरों से निपटने एवं प्रभावकारी समाधान प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से राष्ट्रीय स्तर के हैकथॉन ‘कवच-2023’का शुभारंभ किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17फरवरी।भारत की साइबर तैयारियों को आगे बढ़ाते हुए साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और 21वीं सदी की साइबर अपराध की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से अभिनव विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के हैकथॉन ‘कवच-2023’ का शुभारंभ किया गया।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष डॉ. टी. जी. सीताराम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कवच-2023 राष्ट्रीय स्तर का एक अनूठा हैकथॉन है, जिसे शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ, एआईसीटीई, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी, गृह मंत्रालय) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी, गृह मंत्रालय) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है और जिसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और 21वीं सदी की साइबर अपराध की उन चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करना है जिनका सामना हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आम नागरिकों को करना पड़ रहा है।
इस अवसर पर श्री बालाजी श्रीवास्तव, आईपीएस, महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) ने कहा कि यह 36 घंटे का कार्यक्रम होगा, जिसमें देश भर के शैक्षणिक संस्थानों और पंजीकृत स्टार्ट-अप्स के युवा भाग लेंगे जो अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अभिनव कौशल का उपयोग करके साइबर सुरक्षा के लिए मजबूत, सुरक्षित और प्रभावकारी तकनीकी समाधान खोजेंगे। उन्होंने कहा कि यह संबंधित प्रणाली की मजबूत निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था के जरिए साइबर सुरक्षा संबंधी अपराधों की रोकथाम करने में मदद करेगा।
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष श्री अभय जेरे ने बताया कि ‘कवच-2023’ दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में समस्या संबंधी बयानों को संबंधित युवाओं के सामने रखा जाएगा, जिन्हें फेक न्यूज/सोशल मीडिया, डार्क वेब, महिलाओं की सुरक्षा, फिशिंग का पता लगाने, वीडियो एनालिटिक्स/सीसीटीवी, अश्लील सामग्री का पता लगाने, स्पैम अलर्ट, और मैलवेयर विश्लेषण/डिजिटल फोरेंसिक जैसे विभिन्न समूहों में बांटा जाएगा। उन्होंने कहा कि इच्छुक प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी जैसी मजबूत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके समस्या संबंधी इन बयानों के डिजिटल समाधान विकसित करेंगे और कवच-2023 के पोर्टल पर अपनी अवधारणाएं प्रस्तुत करेंगे।
श्री राजेश कुमार, आईपीएस, सीईओ, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी)ने इस हैकथॉन के शुभारंभ के दौरान डिजिटल अपराधों के इस जमाने को देखते हुए इस हैकथॉन के विशेष महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कवच-2023 का ग्रैंड फिनाले 36 घंटे का लंबा मेगा कार्यक्रम होगा, जिस दौरान देश भर के शैक्षणिक संस्थानों और पंजीकृत स्टार्ट-अप्स के चयनित युवा अपने ज्ञान, तकनीकी विशेषज्ञता और अभिनव कौशल का उपयोग करके मजबूत, सुरक्षित और प्रभावकारी तकनीकी समाधान खोजने के लिए इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि विजेता टीमों को कुल मिलाकर 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
श्रीमती रेखा लोहानी, आईपीएस, निदेशक, रक्षा मंत्रालय ने बताया कि प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली अवधारणाओं का आकलन डोमेन विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा किया जाएगा और दूसरे चरण के दौरान सबसे अभिनव आइडिया या विचारों का चयन किया जाएगा जिसका समापन ग्रैंड फिनाले के साथ होगा। चयनित प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाएगी कि वे अपने-अपने समाधानों की तकनीकी व्यवहार्यता और कार्यान्वयन क्षमता का आकलन करने के लिए अपने-अपने समाधानों को सामने रखेंगे या उन्हें प्रदर्शित करेंगे। ज्यूरी द्वारा सर्वश्रेष्ठ आइडिया या विचारों को विजेता घोषित किया जाएगा।
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