समग्र समाचार सेवा
अहमदाबाद, 17 जुलाई: अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही क्रैश हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 हादसे को लेकर अब ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग और अमेरिकी रिपोर्ट ने नया खुलासा किया है। पहले जहां जांच में पायलटों पर आरोप लगाए जा रहे थे, अब सामने आया है कि कप्तान ने खुद इंजन की फ्यूल सप्लाई बंद कर दी थी। टेकऑफ के चंद सेकंड बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच को ‘रन’ से ‘कट-ऑफ’ में बदल दिया गया, जिससे विमान सीधे बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गया।
कॉकपिट में सन्नाटा और सवाल
ब्लैक बॉक्स में दर्ज संवादों से यह स्पष्ट होता है कि जब यह निर्णय लिया गया, उस वक्त कॉकपिट में अफरा-तफरी का माहौल था। फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर ने हैरानी जताते हुए सवाल किया कि स्विच क्यों बदला गया, लेकिन कप्तान सुमीत सभरवाल शांत बने रहे। यह संवाद अब जांच एजेंसियों के लिए मुख्य सुराग बन चुका है।
पायलटों का अनुभव और पहचान
दुर्घटना के समय विमान की कमान 56 वर्षीय कप्तान सुमीत सभरवाल के हाथों में थी, जिनके पास 15,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था। उनके साथ 32 वर्षीय सह-पायलट क्लाइव कुंदर थे, जो 3,400 से अधिक घंटे की उड़ान पूरी कर चुके थे। इन दोनों के बीच की बातचीत अब हर कोण से जांची जा रही है।
शुरुआती रिपोर्ट और पायलट संगठन की आपत्ति
भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी यही संकेत दिए गए थे कि फ्यूल सप्लाई को स्वेच्छा से बंद किया गया था। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही पायलटों के संगठन ने आपत्ति जताई और कहा कि बिना पूरी जांच के पायलटों को दोषी ठहराना न्यायसंगत नहीं है।
संगठन का कहना है कि हादसे के पीछे तकनीकी या अन्य कारण हो सकते हैं और अंतिम रिपोर्ट से पहले किसी को दोषी करार देना जांच की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
विमानन सुरक्षा पर बहस तेज
इस भयावह हादसे में 260 लोगों की जान गई, जिनमें विमान के 241 यात्री और क्रू सदस्य शामिल थे, जबकि 19 लोग ज़मीन पर मारे गए। हादसे की गंभीरता और उसमें हुई संभावित मानवीय भूल ने एक बार फिर भारतीय विमानन सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला दिया है।
अब इस मामले में भारत और अमेरिका की रिपोर्टें सामने हैं, लेकिन सभी की निगाहें अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस त्रासदी की सच्ची वजह को उजागर करेगी।
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