एअर इंडिया हादसे में कैप्टन सुमित सभरवाल को मुंबई में अंतिम विदाई, पिता के आंसुओं ने देश को किया भावुक

समग्र समाचार सेवा
मुंबई/जयपुर, 17 जून: पिछले सप्ताह अहमदाबाद में हुए भयावह एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक दुर्घटना में 271 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक नाम था कैप्टन सुमित सभरवाल का, जो विमान के पायलट थे। हादसे के बाद उनके पार्थिव शरीर को मुंबई लाया गया, जहां पवई स्थित उनके निवास पर उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

जब उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा, तो पिता पुष्करराज सभरवाल अपने बेटे के सामने हाथ जोड़े खड़े थे, लेकिन अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। वह क्षण हर किसी के दिल को छू गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो एक पिता की उस पीड़ा को दिखाता है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उम्र के इस पड़ाव पर उनका एकलौता सहारा छिन गया।

कैप्टन सुमित के पार्थिव शरीर को एक ताबूत में रखकर विमान के ज़रिए मुंबई एयरपोर्ट लाया गया था। इसके बाद उनका शव पवई स्थित जल वायु विहार लाया गया, जहां एक घंटे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। फिर उन्हें चकला विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस मौके पर उनके परिजनों, दोस्तों और एयर इंडिया के कई अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

जयपुर में एक और विदाई, एक और दुख

इसी दौरान जयपुर में भी एक और अंतिम विदाई का दृश्य हर किसी की आंखें नम कर गया। लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान अपने पति लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) राजवीर सिंह चौहान को अंतिम विदाई दे रही थीं। राजवीर सिंह 15 जून को उत्तराखंड के केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गए थे। वे उस हेलीकॉप्टर के पायलट थे।

राजवीर सिंह की मौत ने भी पूरे सैन्य परिवार और उनके दोस्तों को गहरे शोक में डुबो दिया है। जयपुर में उनके अंतिम संस्कार के समय सेना के अधिकारी, पूर्व सहयोगी और परिजन उपस्थित रहे।

एक हफ्ता, दो हादसे, अनगिनत टूटे सपने

भारत ने एक ही सप्ताह में दो अनुभवी पायलटों को खो दिया – एक नागरिक विमान में, दूसरा सैन्य हेलीकॉप्टर में। इन हादसों ने न सिर्फ देश की सुरक्षा और तकनीकी प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि उन परिवारों की हकीकत को उजागर किया है, जो चुपचाप अपनों की प्रतीक्षा करते रह जाते हैं।

इन दोनों हादसों की विस्तृत जांच चल रही है। लेकिन इन घटनाओं ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि आकाश में उड़ने वाले हर विमान के पीछे ज़मीन पर किसी का इंतज़ार होता है।

 

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