झारखंड के निवासी अजीत कुमार ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, अपने क्षेत्र में मातृभाषा ओडिया के विलुप्त होने पर उठाया सवाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 नवंबर। झारखंड के गांव कलाबाडिया पोस्ट: राजनगर जिला:सरायकेला खरसावां(विच्छिन्नाचल) के रहने वाले अजीत कुमार ने देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें अजीत ने अपने क्षेत्र यानि झारखंड से ओडिया भाषा के विलुप्त होने पर कई सवाल उठाए है साथ ही उन्होंने वहां के स्कूलों में ओडिया किताब और ओडिया शिक्षक को बहाल करने का आग्रह किये।

अजित कुमार राउत ने पत्र में लिखा कि बिहार राज्य के समय सरायकेला जिला सिंहभूम का हिस्सा था। झारखंड जब बना सिंहभूम झारखंड राज्य में आया और तीन जिला बना, पूर्वी सिंहभूम पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां। इससे पुर्व सिंहभूम ओडिशा से अलग होकर बिहार में आया था। सिंहभूम ओडिया भाषाभाषी क्षेत्र है। झारखंड में करीब 20,00,000 से अधिक ओडिया भाषाभाषी लोग रहते हैं, जिनका मातृभाषा ओडिया है। बिहार राज्य के समय ओडिया भाषियों पर ध्यान दिया जाता था। स्कूलों ओडिया में शिक्षक थे।ओडिया किताबों की उपलब्धता थी।ओडिया भाषियों मान सम्मान था। किताब के दुकानों में ओडिया किताबें उपलब्ध थी।

सिंहभूम अलग होकर जब झारखंड में आया तब यहां रहने वाले ओडिया भाषाभाषी अत्यंत खुश थे कि बिहार से अधिक सुविधा झारखंड में मिलेगा। मातृभाषा का महत्व अधिक दिया जायेगा पर उल्टा हुआ। ओडिया भाषा शून्य हो गयीं। न स्कूलों में ओडिया शिक्षक हैं और न तो ओडिया किताबें दी जाती है।ओडिया भाषियों का जीवन अंधकार हो गया है।ओडिया छात्रछात्रायें मातृभाषा शिक्षा के लिए तडप रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि जबसे झारखंड बना है ओडिया भाषियों का मानसम्मान गया, मातृभाषा गया। शिक्षा गई, सबकुछ तो गया, भरोसा केवल आप से है।

अजीत ने लिखा कि सरायकेला खरसावां जिले के उपायुक्त के समक्ष ओडिया भाषाभाषी लोग धरना दिये, राज्यपाल के नाम पर ज्ञापन दिया गया, ओडिया भाषा के सुरक्षा के लिए, ओडिया शिक्षक स्कूलों मे देने के लिए और ओडिया किताब ओडिया छात्रछात्राओं को उपलब्ध कराने के लिए पर कोई शुभ समाचार अभी तक नहीं मिला है।

केन्द्रीय शिक्षामंत्री आदरणीय धमेंद्र प्रधान जी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखे कि शीघ्रातिशीघ्र ओडिया भाषाभाषियों की समस्या दूर किया जाय, ओडिया किताब और ओडिया शिक्षकों को स्कूलों में दी जाय।

ओडिशा राज्य के शिक्षामंत्री झारखंड के शिक्षामंत्री को पत्र लिखे, झारखंड में रहनेवाले ओडिया भाषाभाषियों के समस्या दूर हो ,ओडिया किताबें बच्चों को दी जाय और स्कूलों में ओडिया शिक्षक पदस्थापित किया जाय।

बुद्धिजीवी प्रतिनिधि मंडल आदरणीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भेंट किये,ओडिया किताब और ओडिया शिक्षक स्कूलों में बहाल करने का आग्रह किये, पर कोई शुभ समाचार अभी तक प्राप्त नहीं हुआ।

अजीत ने लिखा कि मातृभाषा में पढना हर हिन्दुस्तानियों का संवैधानिक अधिकार है। नये शिक्षानीति में मातृभाषा में पढना अनिवार्य किया गया है।

झारखंड राज्य में जाहाँ 20,00,000 से अधिक ओडिया भाषाभाषी जनसंख्या है ,उन्हें मातृभाषा शिक्षा क्यों नहीं मिलेगा?क्यों उन्हें ओडिया किताब नहीं मिलेगें? स्कूलों में क्यों ओडिया शिक्षक का बहाल नहीं होगा?

मैं एक स्वयंसेवक हुँ। मैं उत्कल सम्मेलनी, (सरायकेला खरसावां)के राजनगर ब्लॉक का सभापति हुं। झारखंड में रहनेवाले ओडिया छात्रछात्राओं के समस्याओं को आपके ध्यान में रख रहा हूँ,जो अति दर्दनाक है और दुःखद है।

अजीत राउत ने पीएम मोदी पर विश्वास जताते हुए लिखा कि इस दर्दनाक और दुःखद परिस्थितियां झारखंड में रहनेवाले 20,00,000 अधिक ओडिया भाषाभाषियों का दूर हो, आपसे हीं भरोसा कर आपकी ओर देख रहे हैं।

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