देश में नीट की परीक्षा में ऑलइंडिया दूसरी रैंक पाने वाली आकांक्षा सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली से प्रेरित होकर नीट की परीक्षा देने का फैसला किया। कुशीनगर की रहने वाली आकांक्षा बताती हैं कि पहले मैं 8वीं तक सिविल सर्विस में जाने की सोच रही थी लेकिन दिल्ली स्थित एम्स मेरे लिए एक प्रेरणा है। 9वीं से मैंने उसे अपना सपना मानकर नीट की तैयारी की शुरू कर दी।
10वीं तक कुशीनगर में पढ़ने वाली आकांक्षा ने बताया कि मैं इस सफलता का श्रेय ईश्वर, माता पिता और अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट को देना चाहती हूं। मैंने 11 व 12 दिल्ली के प्रगति पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। आकांक्षा को पढ़ना और गाने सुनना पसंद है। आकांक्षा के पिता राजेंद्र कुमार राव एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं जबकि मां रुचि सिंह शिक्षिका हैं और भाई अमृतांश चौथी कक्षा में पढ़ाई कर रहा है।
आकांक्षा दूसरे स्थान पर हैं जबकि टॉपर शोएब के बारे में बताती हैं कि मेरी उम्र 17 साल है जबकि उनकी उम्र 18 के आसपास है इसलिए उनके प्रथम रैंक दिया गया है। वह बताती हैं कि मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मैं टॉप की श्रेणी में होऊंगी। हां लेकिन मैंने मेहनत से तैयारी की थी इसलिए मुझे टॉप 40 में आने की उम्मीद है।
आकांक्षा कुशीनगर के अभिनायकपुर गांव से हैं। 9वी दसवीं में नीट की कोचिंग के लिए रोज 70 किलोमीटर गोरखपुर जाती थी। बाद में 11 वीं 12वी दिल्ली में पढ़ाई की और नीट की कोचिंग की।
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