आजम खान को मनाने में जुटे अखिलेश, जेल में मुलाकात के लिए भेजेंगे एक और दूत

समग्र समाचार सेवा

लखनऊ, 1 मई। समाजवादी पार्टी (सपा) से नाराज चल रहे दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खान पिछले कुछ दिनों में शिवपाल सिंह यादव समेत कई नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अखिलेश यादव की ओर से भेजे नेताओं से उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया था। अब सपा गठबंधन के एक और साथी ओम प्रकाश राजभर भी आजम खान से मिलने के लिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि वह अखिलेश यादव का संदेश लेकर आजम खान के पास जा सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी आजम खान से मुलाकात की थी।

राजभर को अखिलेश दे सकते हैं जिम्मेदारी

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओपी राजभर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि वह आजम खान से मिलना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने उनके वकील से समय निश्चित करने को कहा है। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या वह अखिलेश यादव के कहने पर आजम खान से मिलने के लिए जा रहे हैं, राजभर ने इससे इनकार किया और कहा कि वह अपनी इच्छा के मुताबिक ऐसा करने जा रहे हैं। राजभर ने ओवैसी और आजम के बीच तुलना करते हुए यह भी कहा कि आजम का यूपी में सिक्का चलता है और ओवैसी की यहां कोई पकड़ नहीं है।

शिवपाल और आजम खान की मुलाकात के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार बताया

राजभर ने शिवपाल और आजम खान की मुलाकात के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार बताया और कहा कि भाजपा के कहने पर ही ऐसा हुआ है। राजभर ने कहा, ”शुरुआत हुआ इस बात से कि शिवपाल भाजपा में जा रहे हैं। फिर भाजपा ने दूसरा रास्ता अपनाया कि आप जॉइन कर लोगे तो मामला नहीं बनेगा, बल्कि आप जाओ जेल में (आजम) मिलो।” शिवपाल यादव पर निशाना साधते हुए राजभर ने कहा कि कल तक वह (शिवपाल) अखिलेश को सीएम बनाने की बात कहते थे आज ऐसा क्या हो गया कि नाराज हो गए? भाजपा ड्रामा फैला रही है कि अखिलेश जी को कैसे कमजोर करें।

आजम की नाराजगी ने बढ़ाई अखिलेश की चिंता    

विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही कई मोर्चे पर बगावत का सामना कर रहे अखिलेश यादव जहां एक तरफ चाचा शिवपाल यादव की नाराजगी को हल्के में ले रहे हैं और उन्हें जल्द भाजपा में चले जाने को कह रहे हैं तो दूसरी तरफ आजम खान की नाराजगी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। आजम खान की मुस्लिम समुदाय के वोटर्स पर बेहद मजबूत पकड़ है और ऐसे में अखिलेश को चिंता है कि यदि उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ा तो मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा तबगा सपा का दामन छोड़ सकता है। ऐसे में वह आजम खान को मनाने की कोशिशों में जुट गए हैं।

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