समग्र समाचार सेवा
पटना, 3 मार्च। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्षी दल की ओर से मेडिकल की पढ़ाई के लिए बिहार के छात्रों के यूक्रेन जाने का सवाल उठाया गया है। इसका जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद दिया। सीएम नीतीश ने कहा कि यूक्रेन में जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए पूरा केंद्र सरकार लगी हुई है। बिहार के सभी छात्रों को वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बात पहली बार नोटिस में आया है कि भारत के सभी जगहों से छात्र केवल मेडिकल कॉलेज में पढ़ने के लिए यूक्रेन जा रहे हैं। इससे पहले ये किसी को मालूम नहीं था। हम लोगों को मालूम नहीं था कि मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए छात्र अपने राज्य और देश को छोड़कर यूक्रेन जा रहे हैं। इसमें बात आ रही है कि वहां पैसा कम लग रहा है। अगर ऐसी बात है तो यह तो नेशनल लेवल पर सोचने की जरूरत है। यहां तो जो मेडिकल में एडमिशन होता है उसके लिए कॉम्पिटिशन पूरे देशभर में होता है।
ये सब नेशनल लेवल पर सोचने की जरूरत
सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार के चाहे सरकारी मेडिकल कॉलेज हो या प्राइवेट सभी में एडमिशन के लिए नेशनल लेवल के कॉम्पिटिशन को ही पास करना होता है। अब जो बाहर जा रहा है उसको कोई परीक्षा तो देनी नहीं है। अब सारी बात सामने आई है। ये सब नेशनल लेवल पर सोचने की जरूरत है। बिहार तो गरीब राज्य है, फिर भी केवल यहीं के लोग यूक्रेन मेडिकल करने नहीं गए हैं।
अमीर-अमीर राज्य के लोग भी गए हैं वहां पढ़ने
अमीर-अमीर राज्य के लोग भी गए हैं वहां पढ़ने। इसलिए यह समझ लीजिए कि यह केवल बिहार का प्रॉब्लम नहीं है। इसलिए इस पर राष्ट्रीय स्तर पर सोचा जाएगा। हम लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि साधारण परिवार के लोग भी बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेज दे रहे हैं। इन लोगों तक यह सब जानकारी सोशल मीडिया के जरिए आ रही है। हमलोग तो सोशल मीडिया के पहले वाले हैं।
पहले केवल कम्युनिस्ट रूस जाते थे: नीतीश
सीएम नीतीश ने कहा कि पहले रूस में पढ़ने के लिए केवल कम्युनिस्ट जाते थे। तब यूक्रेन भी रूस का ही हिस्सा था। उस टाइम पर केवल सीपीआई और सीपीएम के लोग रूस जाते थे। ये सब पुरानी बात जान लीजिए। अभी की बात बिल्कुल नई है। एक बात जान लीजिए कि यह सोचने की जरूरत है कि हम क्या सुविधाएं दें कि हमारे बच्चे बच्चियों को बाहर जाने की नौबत ना आए।
56 साल में 6 मेडिकल कॉलेज खुले, हमने 16 साल में 6 कॉलेज खोले: मंगल पांडेय
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यूक्रेन में छात्र-छात्राओं के जाने की समस्या को तत्काल दूर नहीं किया जा सकता है। इसके लिए सतत काम करने की जरूरत है। अगर पूर्व से ही राज्य में मेडिकल कॉलेज खोले गए होते तो आज यह समस्या नहीं होती। अगर पहले से ध्यान दिया गया होता तो राज्य में ना चिकित्सकों की कमी होती ना खराब स्वास्थ्य व्यवस्था होती। 1947 से 2005 के बीच 56 साल में बिहार में 6 मेडिकल कॉलेज बने, जबकि हमारी सरकार ने 16 साल में छह मेडिकल कॉलेज बनवाए हैं। हम अगले 4 साल में चार और मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं। मंगल पांडेय ने कहा कि 20 साल में हम 12 मेडिकल कॉलेज खोल देंगे।
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