समग्र समाचार सेवा
जलंधर, 25जून। पंजाब कांग्रेस में पार्टी के बीच खीचातानी समाप्त होने के आसार प्रतीत हो रहे है। जी हां इसके लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक फॉर्मूला बताया है। फॉर्मूला कितना कारगर साबित होगा यह तो लागू करने बाद ही पता चलेगा। हालांकि कांग्रेस आलाकमान द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय समिति पार्टी नेताओं से साथ मुलाकात कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान को शांत करने के लिए तीन सदस्यीय समिति ने अमरिंदर सिंह को दिल्ली बुलाया था। उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू के संबंध में चर्चा की। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि अमरिंदर सिंह सिद्धू के बयान से नाराज है और वह उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बनाना चाहते हैं और न ही डिप्टी सीएम का पद देना चाहते है।
कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा था कि पंजाब की अंतरआत्मा को जो सबसे बड़ा शूल की तरह चुभ रहा है वो मसला है गुरूग्रंथ साहब को चिथड़े-चिथड़े करके फाड़े जाने का और निहत्थे अनुआयियों पर गोली चलाकर उनका कत्ल किया जाना। उनके कातिल आज पंजाब में घूम रहे हैं। ये कांग्रेस को और पंजाब को विचलित कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमरिंदर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस में सुलह कराने के लिए एक फॉर्मूला दिया है। जिसके मुताबिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के स्थान पर किसी अन्य चेहरे को जगह देने का सुझाव है। हालांकि कांग्रेस आलानेतृत्व सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का विचार कर रहे थे। कांग्रेस की आगे क्या रणनीति होगी यह कह पाना अभी मुश्किल है।
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