समग्र समाचार सेवा
चंढीगढ़, 17जुलाई। विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को 10 जनपथ स्थित अपने आवास पर बुलाए जाने की खबर फैलते ही पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज हो गई। इससे पहले की यह बैठक शुरू होती, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने ओएसडी नरिंदर भांब्री के हाथ सोनिया गांधी के नाम एक पत्र पहुंचा दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अप्रत्यक्ष तौर पर हाईकमान को चेताया कि एक व्यक्ति को आगे बढ़ाने की वजह से पार्टी का बंटवारा होने से रोका जाए।
जानकारी के अनुसार, कैप्टन का पत्र पहुंचते ही सिद्धू को लेकर बनी हवा थम गई और हाईकमान पत्र में कैप्टन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने में व्यस्त हो गया। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान पद को लेकर पार्टी मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने गुरुवार को जब से नवजोत सिंह सिद्धू के नाम की गैर-अधिकारिक घोषणा की, तभी से पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज हो गई।
सिद्धू शुक्रवार सुबह पटियाला से दिल्ली रवाना हुए तो यह माना जाने लगा कि सोनिया गांधी उनसे मुलाकात के बाद विधिवत तौर पर उन्हें प्रदेश प्रधान घोषित कर देंगी लेकिन सिद्धू के दिल्ली रवाना होते ही सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर प्रदेश प्रधान के पद पर हिंदू नेता की पैरवी कर दी।
कैप्टन द्वारा ओएसडी के जरिए सोनिया गांधी को भेजी चिट्ठी के मजमून के बारे में सूत्रों से पता चला है कि कैप्टन ने सिद्धू को प्रदेश प्रधान न बनाने की बात कहते हुए पार्टी अध्यक्षा को अप्रत्यक्ष तौर पर चेताया है कि एक व्यक्ति को आगे लाने के लिए पार्टी का बंटवारा होने से रोका जाए। इस पत्र में कैप्टन ने सोनिया गांधी को प्रदेश में हिंदू और दलित जनसंख्या का हवाला देते हुए एक नया फॉर्मूला भी सुझाया है।
इधर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत पार्टी के भीतर कलह के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की है. बैठक के बाद पंजाब सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा, “हरीश रावत के साथ सीएम की एक उपयोगी बैठक हुई. इसमें अमरिंदर सिंह ने दोहराया कि कांग्रेस अध्यक्ष का कोई भी निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा. सीएम ने कुछ मुद्दों को उठाया जिसे रावत कांग्रेस अध्यक्ष के सामने उठाएंगे।
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