अमेरिकी-चीन टैरिफ युद्ध या व्यापार युद्ध?

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले वस्तुओं पर अभूतपूर्व 104 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल मची हुई है। चीन से आने वाली सभी वस्तुओं पर 34% पारस्परिक टैरिफ बढ़ाए जाने से कुल टैरिफ दर 104% हो गया है। इससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्था  में  एक परिवर्तन आया है जो चिंतनीय है । सोमवार को वाइट हाउस ने जब इसकी पुष्टि की कि यह टैरिफ मंगलवार (8 अप्रैल 2025) की आधी रात यानी बुधवार (9 अप्रैल 2025) से लागू हो जाएगा तब पूरी दुनिया में बवाल मचा गया।
हाल ही के हफ्तों में ट्रंप ने कई देशों पर अमेरिका को ‘लूटने’ का आरोप लगाया था। ट्रंप ने चीन को चेतावनी भी दी कि अगर बीजिंग ने अपनी 34% की जवाबी ड्यूटी वापस नहीं ली, तो अमेरिका की तरफ से और भी ज्यादा कठोर टैरिफ लगाए जाएंगे । इसी पर ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम ‘लेवल प्लेइंग फील्ड’ बनाने के लिए उठाया गया है। ट्रंप पहले ही भारत के कुछ उत्पादों पर 26% तक का टैरिफ लगा चुके हैं।
इससे पहले अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अमेरिकी धमकी पर चीन ने पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा था कि यदि टैरिफ युद्ध या व्यापार युद्ध छेड़ने पर अमेरिका आमादा है तो चीन इससे अंत तक लड़ने के लिए तैयार है। ट्रंप ने चीन के साथ किसी भी तरह की व्यापार वार्ता करने से साफ़ इंकार कर दिया और उन्होंने यह भी कहा कि  अमेरिका अन्य देशों के साथ इस पर समझौते करेगा।
चीन ने कहा कि वह अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 84% करेगा, जो बुधवार से लागू उसके आयात पर नए टैरिफ के जवाब में किया जाएगा। चीन और 184 अन्य अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए नए शुल्क बुधवार को 12:01 बजे भारतीय समय  से लागू हो गए।

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