कुमार राकेश
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 सितम्बर। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और अमरीकी विदेश विभाग के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो के बीच जुलाई 2024 में सांस्कृतिक संपदा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना था। इस समझौते के तहत अमरीका ने भारत से चोरी की गई या तस्करी की गई 297 प्राचीन वस्तुएं वापस की हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमरीका यात्रा के दौरान डेलावेयर के विलमिंगटन में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बाइडेन को कुछ पुरावशेष प्रतीकात्मक रूप से सौंपे गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन वस्तुओं की वापसी पर राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद देते हुए कहा कि ये प्राचीन वस्तुएं न केवल भारत की ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा हैं, बल्कि भारतीय सभ्यता और चेतना का आंतरिक आधार भी हैं। इन पुरावशेषों में 4000 वर्ष पुराने समय की वस्तुएं शामिल हैं, जो भारत के विभिन्न हिस्सों से मिली हैं। इनमें से कई वस्तुएं पूर्वी भारत की टेराकोटा कलाकृतियां हैं, जबकि अन्य पत्थर, धातु, लकड़ी और हाथी दांत से बनी हैं।
सांस्कृतिक संपदा की वापसी भारत–अमरीका के बीच सांस्कृतिक सहयोग का महत्वपूर्ण पहलू बन चुकी है। 2016 से अब तक अमरीका ने कुल 578 प्राचीन वस्तुएं भारत को वापस की हैं, जो किसी भी देश द्वारा लौटाई गई सबसे बड़ी संख्या है।
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