अमेरिका के “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” से भारत पर पड़ेगा गहरा प्रभाव, प्रवासी भारतीयों के धन प्रेषण पर लगेगा टैक्स

समग्र समाचार सेवा,

वाशिंगटन, 7 जून: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तुत और हाल ही में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” अब वैश्विक स्तर पर आर्थिक प्रभाव डाल सकता है। 22 मई को पारित हुए इस विधेयक में अमेरिका से विदेशों में भेजे जाने वाले सभी धन प्रेषण (Remittances) पर 3.5% कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। पहले यह दर 5% प्रस्तावित थी, जिसे संशोधित कर कम किया गया।

इस विधेयक का सबसे अधिक असर भारत पर पड़ने की संभावना है। विश्व बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत को 2024 में लगभग 129 बिलियन डॉलर का विदेशी धन प्रेषण प्राप्त हुआ, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इन रेमिटेंस का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका में कार्यरत भारतीयों से आता है, जिनमें ग्रीन कार्ड धारक, कानूनी निवासी और H-1B वीजा धारक प्रमुख हैं।

इस बिल की आलोचना में टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, “कोई विधेयक बड़ा हो सकता है या सुंदर, लेकिन दोनों नहीं।” मस्क की टिप्पणी के बाद ट्रम्प प्रशासन और उनके बीच टकराव और भी तेज़ हो गया है।

भारत के लिए क्या हैं प्रभाव:

  1. रेमिटेंस पर प्रभाव: नए कर से अमेरिका में कार्यरत भारतीयों के लिए अपने परिवारों को पैसे भेजना महंगा हो जाएगा। इससे भारत को मिलने वाला कुल रेमिटेंस घट सकता है।
  2. घरेलू अर्थव्यवस्था पर असर: केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं, इस टैक्स से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इन राज्यों की स्थानीय अर्थव्यवस्था में रेमिटेंस का बड़ा योगदान है।
  3. लंबी अवधि में गिरावट की आशंका: पिछले 10 वर्षों में भारत के रेमिटेंस में 57% की वृद्धि हुई है। 2014 से 2024 तक भारत को लगभग 982 बिलियन डॉलर (1 ट्रिलियन डॉलर के करीब) प्राप्त हुए हैं। टैक्स लागू होने के बाद यह प्रवाह धीमा पड़ सकता है।

यह विधेयक अब सीनेट में पारित होने की प्रक्रिया में है। यदि यह कानून बनता है, तो अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए यह आर्थिक बोझ बन सकता है, और भारत की विदेशी मुद्रा आय पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है।

 

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