चौकाने वाले खुलासे के बीच ईगल ने चुनाव आयोग को दी चुनौती

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 26 जून:  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 पर उठते सवालों के बीच, चुनाव आयोग ने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चर्चा के लिए आमंत्रित करके मानो नया राजनीतिक अध्याय खोल दिया है। इस कदम के जवाब में कांग्रेस की ओर से गठित मजबूत ‘ईगल’ (नेताओं और विशेषज्ञों का समूह) ने अब अपनी तैयारी का संकेत देते हुए स्पष्ट किया है कि वह इन सभी आरोपों का नया विश्लेषण चुनाव आयोग के सामने रखेगी।

मतदाता सूची पर आरोपों का सफाया
ईगल की ओर से चुनाव आयोग के सचिव अश्विनी कुमार मोहल को भेजे गए पत्र में कहा गया कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदाता रजिस्टर में अचानक और असामान्य वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि ऐसे समय पर हुई जब नवम्बर 2024 में विधानसभा चुनाव से पहले मई में लोकसभा चुनाव हो चुका था। कांग्रेस की मांग है कि दोनों रजिस्टरों का डिजिटल एवं मशीन-रीडेबल संस्करण मुहैया कराया जाए ताकि दोनों में तुलनात्मक विश्लेषण संभव हो सके।

वीडियो फुटेज की भी उठी मांग
पत्र में यह भी कहा गया है कि मतदान के दिन शाम 5 बजे के बाद वोटिंग में तेज उछाल को लेकर वीडियो फुटेज का होना बेहद जरूरी था, लेकिन आयोग ने यह फुटेज प्रदान नहीं किया। ईगल ने स्पष्ट पूछा है कि इस लीक-प्रवृत्ति या जानकारी छुपाने से ही शंकाएं जन्म ले रही हैं।

छह माह से मिल रही नहीं जानकारी
ईगल ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा है कि ये सूचियां और फुटेज छह महीनों से मांगने के बावजूद नहीं दी गईं। इसलिए चुनाव आयोग को अपने हिस्से का जवाब देने का एक सप्ताह का समय दिया गया है। ईगल का मानना है कि पारदर्शिता बढ़ाने से लोकतंत्र मजबूत होगा और आयोग को बदनाम करने की अफवाहें खत्म हो जाएंगी।

मिलकर समाधान खोजने को तैयार कांग्रेस
पत्र में सरकार और संसद की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा गया कि यदि इन सूचियों और फुटेज को दिया गया तो कांग्रेस का ईगल समूह न केवल चर्चा में उपस्थित रहेगा, बल्कि तथ्य-आधारित निष्कर्ष भी साझा करेगा। इस बैठक की रूपरेखा साफ करते हुए ईगल ने चुनाव आयोग से सहयोग की भाषा अपनायी है।

 

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