अमित शाह ने अहिल्यानगर में विखे पाटिल चीनी मिल का विस्तार उद्घाटित किया

कहा – “औरंगज़ेब के अनुयायी नाम नहीं बदल सकते”

  • अमित शाह ने डॉ. विठ्ठलराव और बाळासाहेब विखे पाटिल की प्रतिमाओं का किया अनावरण।

  • सहकारिता आंदोलन की ऐतिहासिक विरासत को बताया किसानों की आर्थिक शक्ति का आधार।

  • महाराष्ट्र के 31 लाख किसानों को ₹10,000 नकद और 35 किलो अनाज की राहत योजना का लाभ।

  • शाह ने कहा – मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 से पहले बनेगा विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्था।

समग्र समाचार सेवा 
अहिल्यानगर, 5 अक्टूबर: केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी कारखाने के विस्तारित परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत के सहकारिता आंदोलन के अग्रदूत पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल और पद्मभूषण बाळासाहेब विखे पाटिल की विशाल प्रतिमाओं का अनावरण भी किया।

सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने विखे पाटिल परिवार की उस विरासत की सराहना की, जिसने भारत के सहकारी क्षेत्र को नई दिशा दी। उन्होंने स्मरण किया कि डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल ने विश्व का पहला सहकारी शुगर मिल स्थापित किया था, जिससे किसानों को बिचौलियों के बजाय सीधे लाभ प्राप्त हुआ। बाळासाहेब विखे पाटिल ने इस आंदोलन को और सशक्त किया तथा सहकारिता से अर्जित लाभ को शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में लगाया।

तेज राजनीतिक टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा कि “छत्रपति शिवाजी महाराज के अनुयायी ही वह साहस दिखा सकते हैं जिन्होंने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर किया। औरंगज़ेब के अनुयायियों में ऐसा साहस कभी नहीं हो सकता।”

गृह मंत्री ने किसानों के कल्याण के लिए मोदी सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025–26 में केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को ₹3,132 करोड़ की राशि आवंटित की है, जिसमें से ₹1,631 करोड़ अप्रैल माह में जारी कर दिए गए। राज्य सरकार ने इसमें ₹2,215 करोड़ का योगदान दिया, जिससे 31 लाख से अधिक किसानों को लाभ हुआ। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक किसान को ₹10,000 नकद और 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रदान करने की राहत योजना भी लागू की गई है।

शाह ने फैक्ट्री के विस्तार की जानकारी देते हुए बताया कि 1950–51 में 500 टन प्रतिदिन की क्षमता से शुरू हुआ यह संयंत्र अब 7,200 टन तक पहुँच गया है, और इसे 15,000 टन तक बढ़ाने की योजना है। एथेनॉल संयंत्र की क्षमता 20 KLPD से बढ़कर 150 KLPD हो गई है और 240 KLPD की स्वीकृति मिल चुकी है। इसके साथ ही बायोगैस और को-जनरेशन संयंत्रों की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को बहुआयामी बनना होगा — गैर-क्रशिंग मौसम में मल्टी-फीड एथेनॉल, फ्रोजन वेजिटेबल्स, फ्रूट पल्प और अन्य उत्पाद तैयार करने चाहिए। शाह ने सहकारिता क्षेत्र से अपील की कि वे मक्का, धान और सब्जियों के अपशिष्ट से एथेनॉल उत्पादन के नए अवसरों का लाभ उठाएँ, जिसमें राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में चीनी उत्पादन, एथेनॉल मिश्रण और चीनी मिलों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी संस्थाओं पर सालाना ₹4,400 करोड़ के वित्तीय बोझ को कम करने वाला सेटलमेंट एक्ट एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है।

अपने संबोधन के अंत में शाह ने नागरिकों से प्रधानमंत्री मोदी के उस आह्वान का समर्थन करने की अपील की जिसमें उन्होंने इस दीपावली पर केवल भारतीय उत्पादों के उपयोग की बात कही थी। शाह ने कहा — “यदि 140 करोड़ भारतीय यह संकल्प लें कि वे विदेशी वस्तुएँ नहीं खरीदेंगे, तो भारत 2047 से पहले ही विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”

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