अमित शाह का अहम दौरा: अहिल्यानगर में चीनी मिल परियोजना का उद्घाटन और विखे पाटिल प्रतिमाओं का अनावरण

समग्र समाचार सेवा
अहिल्यानगर, 1 अक्टूबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 5 अक्टूबर को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले का दौरा करेंगे। इस दौरान वे एक महत्वपूर्ण चीनी मिल विस्तार परियोजना का उद्घाटन करेंगे और पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल तथा पद्म भूषण डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल की प्रतिमाओं का अनावरण करेंगे।

राज्य के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मंगलवार को पत्रकारों को इस दौरे की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अमित शाह का जिले का दूसरा दौरा है।

विखे पाटिल परिवार से जुड़ा है इतिहास

राधाकृष्ण विखे पाटिल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल के पुत्र और सहकारिता आंदोलन के जनक माने जाने वाले विट्ठलराव विखे पाटिल के पोते हैं। उन्होंने कहा—
अमित शाह सहकारिता की भूमि लोनी में दूसरी बार आ रहे हैं। इससे पहले जब उन्होंने सहकारिता मंत्रालय का कार्यभार संभाला था, तब वे यहां आयोजित राज्य के पहले सहकारिता सम्मेलन में शामिल हुए थे।”

कार्यक्रम का विस्तृत विवरण

दौरे के दौरान गृह मंत्री शाह सबसे पहले प्रवर नगर में स्थित पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी मिल के विस्तार परियोजना का उद्घाटन करेंगे।

इसके बाद वे लोनी गांव के बाजार चौक में पहुंचकर विट्ठलराव और बालासाहेब विखे पाटिल की प्रतिमाओं का अनावरण करेंगे।

इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय जनता, भाजपा कार्यकर्ता और सहकारिता क्षेत्र से जुड़े नेता उपस्थित रहेंगे।

सहकारिता आंदोलन को नई दिशा

महाराष्ट्र में सहकारिता आंदोलन की जड़ें बेहद मजबूत रही हैं। विट्ठलराव विखे पाटिल को इस आंदोलन का संस्थापक माना जाता है, जिन्होंने किसानों और ग्रामीणों को संगठित कर चीनी मिलों और सहकारी संस्थाओं की नींव रखी।

अमित शाह का यह दौरा न केवल विखे पाटिल परिवार को श्रद्धांजलि देने का अवसर होगा, बल्कि इसे भाजपा की सहकारिता राजनीति को मजबूत करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।

राजनीतिक महत्व

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाह का यह दौरा महाराष्ट्र में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए भी अहम है। सहकारिता क्षेत्र लंबे समय से राज्य की राजनीति का केंद्र रहा है और भाजपा इस आधार को और मजबूत करना चाहती है।

अमित शाह का अहिल्यानगर दौरा सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सहकारिता और राजनीति के संगम का प्रतीक माना जा रहा है। चीनी मिल विस्तार परियोजना के उद्घाटन और प्रतिमाओं के अ

 

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