“अम्मा प्रेम, करुणा, सेवा और बलिदान की प्रतिमूर्ति हैं, वे भारत की आध्यात्मिक परंपरा की वाहक हैं”- पीएम मोदी
अम्मा के 70वें जन्मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया संबोधित
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से अम्मा, माता अमृतानंदमयी जी के 70वें जन्मदिन के अवसर एक कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत माता अमृतानंदमयी जी को उनके 70वें जन्मदिन पर उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं देते हुए की और कहा कि वह सेवा और आध्यात्मिकता की प्रतीक हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दुनिया भर में प्रेम और करुणा फैलाने का उनका मिशन आगे बढ़ता रहेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अम्मा के अनुयायियों सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से एकत्र हुए सभी लोगों को बधाई दी और अपनी शुभकामनाएं दीं।
अम्मा के साथ 30 साल से अधिक समय तक अपने जुड़ाव पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कच्छ में भूकंप के बाद लंबे समय तक उनके साथ काम करने को याद किया। उन्होंने अमृतापुरी में अम्मा का 60वां जन्मदिन मनाने का स्मरण किया। श्री मोदी ने कहा कि आज भी अम्मा के मुस्कुराते चेहरे और स्नेही स्वभाव की गर्माहट पहले जैसी ही बनी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, अम्मा के काम और दुनिया पर उनका प्रभाव कई गुना बढ़ गया है। श्री मोदी ने स्मरण किया कि अम्मा की उपस्थिति में उन्होंने हरियाणा के फरीदाबाद में अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा, “अम्मा की उपस्थिति की आभा और उनके आशीर्वाद को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है, हम केवल इसे महसूस कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि अम्मा प्रेम, करुणा, सेवा और बलिदान की प्रतिमूर्ति हैं तथा वह भारत की आध्यात्मिक परंपरा की वाहक हैं।
प्रधानमंत्री ने देश और विदेश में संस्थानों के निर्माण और संवर्धन में अम्मा के काम के हर पक्ष को रेखांकित करते हुए कहा, “चाहे स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या शिक्षा का, अम्मा के मार्गदर्शन में हर संस्थान ने मानव सेवा और सामाजिक कल्याण को नई ऊंचाइयां दीं।” उन्होंने देश में शुरू हुए स्वच्छता अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि अम्मा उन पहली हस्तियों में से थीं जो इसे सफल बनाने के लिए आगे आईं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि अम्मा ने गंगा के किनारे शौचालय बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये का दान भी दिया, जिससे स्वच्छता को एक नया आयाम मिला। उन्होंने कहा, “अम्मा के दुनिया भर में अनुयायी हैं और उन्होंने हमेशा भारत की छवि तथा इसकी विश्वसनीयता को मजबूत किया है। जब प्रेरणा इतनी महान होती है, तो प्रयास भी महान हो जाते हैं।”
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अम्मा जैसी शख्सियत विकास के प्रति भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है, जिसे महामारी के बाद आज की दुनिया में स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अम्मा ने हमेशा दिव्यांगों को सशक्त बनाने और वंचितों को प्राथमिकता देने के लिए बहुत कुरबानियां दी हैं। संसद में कुछ दिन पहले नारीशक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे भारत के पास अम्मा जैसी प्रेरणादायक शख्सियत है। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अम्मा के अनुयायी विश्व में शांति और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए इसी तरह का काम करते रहेंगे।
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