समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 25अक्टूबर। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को सीमा से सटे 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने पर केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ सर्वदलीय बैठक बुलाई है। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर इस बैठक में शामिल हुए हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, लोक इंसाफ पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (यूनाइटेड) के कई नेता भी बैठक में शामिल हुए। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने कॉल भेजे जाने के बावजूद इस बैठक का बहिष्कार किया।
पंजाब में, कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर वर्तमान 15 किमी के बजाय 50 किमी के बड़े क्षेत्र में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्ति देने के केंद्र सरकार के फैसले का लगातार विरोध करती रही है। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले को राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करार दिया है। साथ ही इस फैसले को एकतरफा और अलोकतांत्रिक करार दिया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार का विरोध करते हुए फैसले की निंदा की थी। उन्होंने कहा था, ‘मैं पंजाब क्षेत्र के भीतर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को तर्कहीन रूप से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के भारत सरकार के फैसले का कड़ा विरोध और निंदा करता हूं। इस एकतरफा फैसले से पंजाब की जनता काफी आहत है। यह मोदी सरकार का अलोकतांत्रिक और संघ विरोधी फैसला है।
यह फैसला आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी काफी अहम माना जा रहा है। केंद्र सरकार के विपक्षी दल इस फैसले को पंजाबियों के हितों के खिलाफ साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पारित प्रस्ताव में विभिन्न दलों और पार्टियों के साथ सरकार को इस अधिसूचना को वापस लेने के लिए मजबूर करने की बात कही गई है।
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