समग्र समाचार सेवा
पटना, 28 मई।सियासी विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है लेकिन इसको लेकर चल रहा विरोध अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा. इस नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नहीं कराए जाने को लेकर विपक्षी पार्टियां पहले से ही केंद्र सरकार पर हमलावर है. पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन करने पर जनता दल यूनाइटेड(JDU) के नेता और कार्यकर्ता पटना उच्च न्यायालय के पास अंबेडकर प्रतिमा पर भूख हड़ताल पर बैठे. इसके साथ ही नेताओं ने जदयू कार्यालय से पटना उच्च न्यायालय तक मार्च भी निकाला.
जदयू ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई संसद के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं करके उनका अपमान किया है. उन्होंने कहा कि यह ‘राष्ट्रपति के उच्च कार्यालय का अपमान करता है और संविधान के पत्र और भावना का उल्लंघन करता है.’ मालूम हो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था. इसी कड़ी में कुल 21 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया.
नवनिर्मित संसद भवन भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और समृद्ध करने का काम करेगा. ये अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है जो सदस्यों को अपने कार्यों को बेहतर तरीके से करने में मदद करेगा. नए संसद भवन को 888 सदस्यों को लोकसभा में बैठने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. संसद के वर्तमान भवन में लोक सभा में 543 तथा राज्य सभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान है. भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठक कराने की व्यवस्था की गई है. ताकि दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा.
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