यूपी में कांग्रेस को एक और झटका, राष्ट्रीय सचिव एवं 3 बार के विधायक अजय कपूर बीजेपी में होंगे शामिल

समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 13मार्च। कांग्रेस पार्टी 2024 चुनाव की तैयारियों में जुटी है. टिकट तय करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक एक राउंड हो चुकी है. इसी हफ़्ते दूसरे दौर की भी मीटिंग हो सकती है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गॉंधी के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बरकार ही है. लेकिन इन सबके बीच जिनके नाम की चर्चा चुनाव लड़ने की थी, वही पार्टी छोड़ रहे हैं. इसी क्रम में खबर है कि यूपी में कांग्रेस को आज एक और झटका लगा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

अजय कपूर ने इसे अपने नए जीवन की शुरूआत बताया है. उन्होंने कहा है कि, ”देश के नेता और दुनिया के युग पुरूष मोदी जी के परिवार में शामिल होकर ,अभिभूत हूं. सैंतीस साल तक कांग्रेस में अलग अलग पदों पर काम किया लेकिन आज देश के हर नागरिक को मोदी जी के परिवार में शामिल होकर देश के विकास में सहयोग करना चाहिए.”

कौन हैं अजय कपूर?
अजय कपूर बिहार के सह प्रभारी भी हैं. उनकी गिनती यूपी कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है. अजय कपूर, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी नेताओं में थे. एक समय में कानपुर तो कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था. अजय कपूर खुद तीन बार विधायक रहे. वे दो बार गोविंद नगर से और एक बार किदवई नगर विधानसभा सीट से एमएलए रहे. इस बार उनकी दावेदारी कानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की थी. यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन है. गठबंधन में कानपुर की सीट कांग्रेस के खाते में गई है.

कानपुर में कांग्रेस पिछले बीस सालों से दो गुटों में बँटी रही. श्रीप्रकाश जायसवाल और अजय कपूर इन गुटों के नेता रहे. जायसवाल दिल्ली की राजनीति करते रहे और कपूर यूपी की. जायसवाल गुट के कमजोर होने पर कपूर ने दिल्ली का रूख कर लिया. अब वे आज दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना उनके रिश्तेदार हैं. बीजेपी ने कानपुर से उम्मीदवार तय नहीं किया है. अभी सत्य देव पचौरी वहॉं से बीजेपी के सांसद हैं.

कितनी संपत्ति के हैं मालिक
अगर अजय कपूर की संपत्ति की बात करें तो बीते चुनाव में नामांकन के दौरान दी गई जानकारी के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति करीब 69 करोड़ है. हालांकि कहा यह भी जाता है कि बीते 15 सालों में उनकी संपत्ति करीब 14 गुना बढ़ी है. 2007 में नामांकन के दौरान अपनी कुल संपत्ति 5.28 करोड़ बताई थी. जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति 31.39 करोड़ बताई थी.

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