अमेरिका में छात्रों का इजराइल विरोधी प्रदर्शन, नेशनल गार्ड्स उतारने की तैयारी में सरकार; भारत ने दी नसीहत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29अप्रैल। भारत ने मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर अमेरिकी विदेश विभाग की हालिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है.

अमेरिका की 25 यूनिवर्सिटीज में इजराइल विरोधी प्रदर्शन; 550 से ज्यादा छात्र गिरफ्तार

◆ बटाला हाउस एनकाउंटर में मारे गए आतंकियो के लिए रात मे भी सोनिया रोती है
◆ दिग्विजय सिंह ओर सुशीलकुमार शिंदे आंतकी ओसामा बिन लादेन को जी लगाकर सन्मान देते है
◆ कांग्रेस के समय आतंकी यासीन मलिक, पीएम के घर डिनर करता था।
◆ भारत तेरे टुकड़े होंगे कै नारे लगाने वाले कनैया के समर्थन में राहुल गांधी सभा में जाते हैं।
◆ कनैया कुमार भारतीय सेना को बलात्कारी कहता हे और राहुल गांधी चुनाव में उसके पोस्टर छापते हे।
◆ कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को दिया लोकसभा चुनावी टिकट।

अमेरिका के कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में छात्रों के प्रदर्शन तेज हो गए हैं. ये प्रदर्शन इजरायल के खिलाफ और फिलीस्तीन के समर्थन में हो रहे हैं. वैसे तो छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद छात्र भड़क उठे हैं.

■ अभी तक कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ही इजरायल विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे, लेकिन अब कई यूनिवर्सिटी में भी ऐसे प्रदर्शन होने लगे हैं, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी भी शामिल है.
■ टेक्सास यूनिवर्सिटी के ऑस्टिन कैम्पस से अब तक 34 छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि स्थिति संभालने के लिए ट्रूपर्स को भी उतार दिया गया है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से भी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं.
■ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी के अंदर कैम्प बनाने के लिए कैम्पस पर धावा बोल दिया. इसके बाद कैम्पस में सिर्फ आईडी होल्डर्स को ही एंट्री दी जा रही है.
■ इस बीच अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर माइक जॉन्सन ने हालात संभालने के लिए नेशनल गार्ड्स को उतारने का सुझाव दिया है. अमेरिका में नेशनल गार्ड्स की तैनाती बड़े खतरों से निपटने के लिए की जाती है.
■ कॉलेज और यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्रों ने गाजा में स्थायी सीजफायर की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका की ओर से इजरायल को दी जा रही सैन्य सहायता रोकने की भी मांग की है.
■ व्हाइट हाउस ने इन प्रदर्शनों की निंदा करते हुए इसकी तुलना आतंकवादियों की भाषा से की है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इनकी निंदा की है. बाइडेन ने मीडिया से बात करते हुए न सिर्फ इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों की निंदा की, बल्कि उन लोगों की भी आलोचना की जिन्हें ये नहीं पता कि फिलिस्तीन में क्या चल रहा है.

फिलिस्तीन युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका के 25 विश्वविद्यालयों के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पर भारत के विदेशी मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून व्यवस्था में संतुलन बनाकर रखना चाहिए. दूसरे को सीख देने से बेहतर है कि खुद पालन करें. माना जा रहा है कि भारत में होने वाले विरोध प्रदर्शन पर अमेरिका हमेशा टिप्पणी करता रहा है. भारत का ये जवाब अमेरिका के लिए एक तंज के तौर पर है.

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