समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13दिसंबर। खेलों में समावेशिता और प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के एक शानदार प्रदर्शन के रूप में खेलो इंडिया के सहयोग से नेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस एंड रिसर्च (एनसीएसएसआर) द्वारा दो दिन का ‘स्पोर्ट्स साइंस कॉन्क्लेव’ आयोजित हुआ। यह खेलो इंडिया पैरा गेम्स की सफलता से जुड़ी चर्चाओं को बढ़ावा देने और रणनीति तैयार करने के एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा।
इस महत्वपूर्ण पहल में सबसे अग्रणी माननीय केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर हैं।
बुधवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्पोर्ट्स साइंस कॉन्क्लेव का पहला दिन भारत के विकसित होते खेल परिदृश्य का साक्षी रहा, जिसमें पारंपरिक सीमाओं के परे जाते हुए दिव्यांग एथलीटों के लिए खेल आयोजनों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अनुराग सिंह ठाकुर ने पैरा एथलीटों के लिए समावेशिता और समान अवसरों की वकालत की है। उन्होंने कहा, एनसीएसएसआर को ऐसे महत्वपूर्ण सम्मेलनों का आयोजन करते देखना वास्तव में उत्साहजनक है, जहां हितधारक इकट्ठा होते हैं और सक्षम तथा पैरा एथलीट, दोनों की आगे की राह को आकार देते हैं। इसमें एक समावेशी दृष्टिकोण रहता है, जिसमें सभी एथलीटों को समान सुविधाएं और सम्मान दिया जाता है, जो किसी भी कथित अंतर को धुंधला करता है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “इस कॉन्क्लेव की ‘लिमिटलेस होराइजन्स’ की थीम ‘हौसलों की उड़ान’ की उभरती भावना के साथ गहराई से मेल खाती है। यह दिव्यांगों और पैरा एथलीटों के लिए खेल विज्ञान को पहचानने और उस पर विचार-विमर्श करने वाला एक समर्पित मंच है, जो भारत को खेल क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।”
“खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के साथ खेलो इंडिया पैरा गेम्स का मेल माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी विजन को दर्शाता है और खेलों में समावेशिता और समानता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।”
“इसके अलावा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत, 49 पैरा एथलीटों को रहने, भोजन और प्रशिक्षण सहित व्यापक समर्थन मिलता है, जो भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है।”
डॉ. दीपा मलिक (भारत की पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष), अंकुर धामा (पैरा लंबी दूरी के धावक), भावना पटेल (पैरा टेबल टेनिस एथलीट), वी के डब्बास (पैरा तैराकी कोच), डॉ. पियेर बोचैंप (एचपीडी एनआरएआई), डॉ. ईशा जोशी (स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट), और डॉ. अमेय कागाली (स्पोर्ट्स मेडिसिन) जैसी कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने स्पोर्ट्स साइंस कॉन्क्लेव के पहले दिन अपनी भागीदारी से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
कॉन्क्लेव के केंद्रीय विषयों में से एक – ‘लिमिटलेस होराइजन्स: चरम प्रदर्शन के लिए खेल विज्ञान’ था जो प्रदर्शन को बढ़ाने और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में खेल विज्ञान का लाभ उठाने के बारे में रहा। कॉन्क्लेव में पैरा एथलीटों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार प्रशिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों, वैज्ञानिक प्रगति पर भी सजगता से चर्चा की गई।
इसके अलावा, कॉन्क्लेव के शुरुआती दिन “पैरा स्पोर्ट्स और स्पोर्ट्स साइंस: सफलता की कड़ी और पैरा एथलीटों की मनोवैज्ञानिक जरूरतों को समझने” जैसे विषयों पर पैनल चर्चा हुई। ‘पैरा गेम्स में वर्गीकरण का अवलोकनः पैरा स्पोर्ट्स में जानकारी और महत्व, तकनीकी और वैज्ञानिक सहायता, और पैरा स्पोर्ट्स में स्पोर्ट्स गवर्नेंस’ जैसे विभिन्न विषयों पर व्याख्यान भी हुए।
‘खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023’ के बारे में
खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 भारत सरकार की खेलो इंडिया पहल का नवीनतम संयोजन है। जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, खेलो इंडिया पैरा गेम्स दिव्यांगता का सामना करने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को सशक्त बनाना चाहता है। इस प्रयास के केंद्र में आत्मानुभूति और समावेशिता के साथ, केआईपीजी का मिशन ऐसे चैंपियनों की पहचान करना और तैयार करना है जो अंतरराष्ट्रीय पैरा आयोजनों में भारत को गौरवान्वित करेंगे।
केआईपीसी 2023, 10 से 17 दिसंबर तक नई दिल्ली में तीन स्थानों पर होगा। इन खेलों में लगभग 1,400 एथलीट एक साथ आएंगे। ये एथलीट सात विषयों – एथलेटिक्स, शूटिंग, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस और पावरलिफ्टिंग में भाग लेंगे।
खेलो इंडिया पैरा गेम्स का मुख्य प्रायोजक दीपाली स्पोर्ट्स है, जो दीपाली डिज़ाइन्स एंड एक्ज़िबिट्स का एक प्रभाग है। यह आयोजन सीआईआई की पहल आईबीडीएन द्वारा संचालित है और सूर्या रोशनी लिमिटेड द्वारा सह-प्रायोजित है।
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