43 करोड़ 55 लाख देकर कोई भी बन सकता है अमेरिकी नागरिक, ट्रंप की ‘गोल्ड कार्ड’ योजना

समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन,27 फरवरी।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा योजना की घोषणा की है, जिसके तहत 5 मिलियन डॉलर (करीब 43 करोड़ 55 लाख रुपये) का निवेश करने पर विदेशी निवेशकों को तेजी से अमेरिकी नागरिकता मिल सकेगी। यह योजना पहले से मौजूद EB-5 वीज़ा कार्यक्रम की जगह लेगी, जिसे निवेशकों के लिए ग्रीन कार्ड प्राप्त करने का एक प्रमुख माध्यम माना जाता था।

‘ग्रीन कार्ड प्लस’ योजना का ऐलान

ट्रंप ने इस नई योजना को “ग्रीन कार्ड प्लस” बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य उच्च संपत्ति वाले निवेशकों को आकर्षित करना है, जो अमेरिका की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

“वे लोग अमीर और सफल होंगे, वे बहुत पैसा खर्च करेंगे, ढेर सारे कर (taxes) चुकाएंगे और हजारों नौकरियां पैदा करेंगे। हमें लगता है कि यह योजना बेहद सफल रहेगी।” – डोनाल्ड ट्रंप

भारतीय निवेशकों पर प्रभाव

अमेरिका में निवास पाने के लिए भारतीय निवेशकों में EB-5 वीज़ा काफी लोकप्रिय रहा है। हालांकि, नई गोल्ड कार्ड वीज़ा योजना के तहत निवेश की राशि को दोगुना कर $5 मिलियन कर दिया गया है, जिससे यह योजना बड़ी संख्या में निवेशकों के लिए कठिन हो सकती है।

इसके अलावा, कुशल पेशेवरों (skilled professionals) के लिए भी यह बदलाव चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि ग्रीन कार्ड बैकलॉग (लंबित आवेदनों) में फंसे हजारों भारतीय पहले ही स्थायी निवास पाने के लिए लंबा इंतजार कर रहे हैं।

EB-5 कार्यक्रम की जगह लेगा ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने पुष्टि की कि नई योजना आगामी दो सप्ताह के भीतर लागू की जाएगी। सरकार का दावा है कि EB-5 वीज़ा में धोखाधड़ी और प्रशासनिक कमियों के कारण इसे समाप्त कर ‘गोल्ड कार्ड वीज़ा’ लागू करना आवश्यक हो गया था

क्या इस योजना से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा?

अमेरिका की अर्थव्यवस्था इस समय मुद्रास्फीति, बढ़ती ब्याज दरों और व्यापार घाटे जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में ट्रंप की गोल्ड कार्ड वीज़ा योजना से अमीर विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर अमेरिकी बाजार में पूंजी प्रवाह बढ़ाने की उम्मीद है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना अमेरिका में बसने के इच्छुक मध्यमवर्गीय विदेशी निवेशकों और पेशेवरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। वहीं, उच्च संपत्ति वाले भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए अमेरिका की नागरिकता पाने का यह एक नया अवसर हो सकता है

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