यूक्रेन में फंसे भारतीयों से बॉर्डर पोस्ट पर न जाने की अपील

समग्र समाचार सेवा

कीव, 28 फरवरी। रूस द्वारा जारी हमलों के बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित भारतीय दूतावास  ने शनिवार को भारतीय नागरिकों के लिए एक एडवाजरी जारी कर लोगों से बॉर्डर पोस्ट पर नहीं जाने की अपील की है। भारतीय दूतावास ने अपने एडवाइजरी में कहा कि सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे बॉर्डर पोस्ट पर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना किसी भी बॉर्डर पोस्ट पर न जाएं। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए पड़ोसी देशों में हमारे दूतावासों के साथ काम कर रहे हैं।

भारत ने सिक्योरिटी काउंसिल में रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर नहीं किया वोट

भारत ने रूस के ‘आक्रामक बर्ताव’ की निंदा करने वाले और यूक्रेन से सुरक्षा बलों को वापस बुलाने की मांग करने वाले यएनएससी के प्रस्ताव पर हुए वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। भारत ने कहा कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। साथ ही भारत ने ‘खेद’ जताते हुए कहा कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया।

गोलीबारी और विस्फोटों से दहला कीव

रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर शुक्रवार को हमला शुरू दिया। सरकारी इमारतों के करीब गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंज रही थीं। रूस की इस कार्रवाई से यूरोप में जबरदस्त युद्ध की आशंका पैदा हो गई है वहीं उसे रोकने के लिए दुनियाभर में कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। युद्ध से सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सूचनाओं के बीच कीव में इमारतों, पुलों और स्कूलों के सामने भी गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाएं हुई हैं। इस बात के भी संकेत बढ़ रहे थे कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं।

यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम

दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है। हालांकि इस युद्ध में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन का कितना हिस्सा अब भी उसके कब्जे में है और कितने हिस्से पर रूस का नियंत्रण हो गया है। इस बीच क्रेमलिन ने बातचीत करने की कीव की पेशकश स्वीकार कर ली लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रति नरमी दिखाते हुए किया जा रहा है, ना की मामले का कूटनीतिक हल निकालने के लिए।

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