समग्र समाचार सेवा
वाराणसी , 13 सितंबर। काशी पंचकोसी परिक्रमा के चौथे पड़ाव के रूप में मशहूर शिवपुर पंचकोशी मार्ग स्थित धार्मिक महत्व के ऐतिहासिक तालाब जिसे भूमाफियाओं द्वारा पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विरुद्ध तालाब को पाट कर कब्जा किए जाने के विरोध में वाराणसी के सांसद देश के माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम से संबोधित ज्ञापन प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में देकर शिवपुर के उक्त तालाब से तत्काल अतिक्रमण हटाकर तालाब को मूल स्वरूप में लाने एवं सुंदरिकरण की मांग की।
नगर निगम वाराणसी के चार पूर्व पार्षदों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर युक्त 3 पेज एवं 36 पेज के संलग्नकों सहित ज्ञापन मा० प्रधान मंत्री के अलावा उत्तर प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री एवं नगर विकास मंत्री को भी रजिस्टर्ड डाक द्वारा पत्र भेज कर तालाब को अतिक्रमणकारियों से मुक्ति दिलाने की मांग की है।
ज्ञातव्य हो कि इस प्रकरण में विगत 12 मई 2023 को मंडल आयुक्त वाराणसी कार्यालय एवं जिलाधिकारी वाराणसी को ज्ञापन सौंपा जा चुका है इसके साथ ही गत 6 जून को संभव कार्यक्रम के दौरान नगर आयुक्त नगर निगम वाराणसी को ज्ञापन दिया गया था। सन 2002 से ही इस सार्वजनिक तालाब को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है पूर्व में अवैध कबजेदारों ने इस पर नगर निगम वाराणसी से N.O.C. एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण वाराणसी द्वारा तालाब पर मानचित्र भी स्वीकृत कर लिया गया था, इसके खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक जनहित याचिका दायर किया गया, जितेंद्र सेठ बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर वाराणसी के मंडल आयुक्त द्वारा जिलाधिकारी वाराणसी, ए० डी० एम० वित्त एवं राजस्व उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण एवं नगर आयुक्त नगर निगम वाराणसी की चार सदस्य गठित समिति से मौके एवं अभिलेखो की जांच कराई गई , जिसमें यह तालाब पाया गया और अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय वाराणसी / सहायक कलेक्टर माल के आदेश दिनांक 27/1/ 2007 के आदेश के क्रम में राजस्व अभिलेखों में वर्तमान समस्त इंद्राज को निरस्त करके सन 1291 फसली सन में दर्ज तालाब के इंद्राज को बहाल करने का आदेश दिया गया । इसके अनुपालन में नगर निगम वाराणसी द्वारा अपनी संपत्ति रजिस्टर में तालाब के अराजियात को दर्ज कर पूर्व में जारी N.O.C. को रद्द कर दिया साथ ही वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत मानचित्र भी निरस्त किया गया ।
इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी मिसेज़ वीणा ने मुख्य राजस्व अधिकारी वाराणसी द्वारा दिनांक 20/4/2008 को तालाब पाठ कर उसके स्वरूप को बदलने वालों के विरुद्ध शिवपुर थाने में अपराधिक धाराओं में मुकदमा भी पंजीकृत कराया था। नगर निगम वाराणसी द्वारा तत्कालीन मंडल आयुक्त वाराणसी श्री नितिन रमेश गोकर्ण के निर्देशानुसार दो-दो जेसीबी लगाकर इस तालाब की खुदाई कराई गई , लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण तालाब खुदाई का कार्य बीच में रोक दिया गया?अनेकों बार विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों एवं अधिकारियों से मुलाकात के दौरान अधिकारियों ने तालाब की खुदाई की बात कही परंतु उस पर आज तक अमल नहीं किया गया। अधिकारियों की लगातार इस मामले में बढ़ती जा रही उदासीनता एवं अपनी जिम्मेदारी को दूसरे पर टालने की प्रवृत्ति से तालाब पाटने वालों के हौसले बुलंद है उक्त तालाब पर नगर निगम वाराणसी का बोर्ड भी लगा हुआ है, पाटे गए उक्त तालाब से मिट्टी निकाल कर तालाब को उसके मूल स्वरूप (रिस्टोर) लाए जाने से सम्बंधित ज्ञापन देकर मॉ० प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि इसे सार्वजनिक हित एवं पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए भूजल संरक्षण हेतु तालाब को अतिक्रमणकारियों से मुक्ति दिलाए जाने हेतु उत्तर प्रदेश शासन एवं वाराणासी जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश देने की कृपा करें ।
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