समग्र समाचार सेवा
ईटानगर,5 मार्च। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश, जो अपनी समृद्ध आदिवासी परंपराओं और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, एक बार फिर धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर तीखी बहस का केंद्र बन गया है। अरुणाचल प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट (APFRA), जो जबरन या प्रलोभन द्वारा धर्मांतरण को रोकने के लिए 1978 में पारित किया गया था, दशकों तक निष्क्रिय रहा, लेकिन हाल ही में इसे लागू करने के प्रयासों ने राज्य में तनाव को फिर से बढ़ा दिया है। यह मुद्दा केवल धार्मिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीति, सांस्कृतिक पहचान और बाहरी प्रभावों की जटिल परतों को भी उजागर करता है।
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