वैश्विक विकास इंजन के रूप में, भारत विश्व को नई दिशा प्रदान कर रहा है: रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह ने व्यासायिक नेताओं से 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने का किया आह्वान
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 दिसंबर। भारत एक वैश्विक विकास इंजन के रूप में उभर कर आया है और दुनिया को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की 96वीं वार्षिक आम बैठक और सम्मेलन में यह कहा। उन्होंने बताया कि भारतीय विकास की कहानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शक नेतृत्व में एक अरब से अधिक भारतीयों की कड़ी मेहनत और योग्यता का परिणाम है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की परिवर्तनकारी नीतियों और कार्यक्रमों ने भारतीय विकास की कहानी को बल प्रदान किया है। जिसके विभिन्न पक्ष आज के विश्व को आकार दे रहे हैं। “भारत ने प्रतिबद्धता जताई है कि उसका विकास पर्यावरणीय क्षरण की कीमत पर नहीं होगा। हमने हरित विकास की राह का चयन किया है। हमने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किये। हमने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाया है। हमने स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए पहल की है। हमने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को भी कम कर दिया है”, उन्होंने कहा।
इस बात पर जोर देते हुए कि आर्थिक विकास लिंग-भेद से परे होना चाहिए और राजनाथ सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने पहले की उस कहानी को सफलतापूर्वक बदल दिया है, जिसमें अर्थव्यवस्था के विकास का श्रेय केवल पुरुषों और पुरुषों के योगदान को दिया जाता था। “महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि भारत का आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास न केवल पुरुषों के बल पर हो, बल्कि नारी शक्ति पर भी आधारित हो।”
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों को गिनाते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा: “लड़कियां अब सैनिक स्कूलों में पढ़ रही हैं, जबकि महिला अधिकारियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, युद्धपोतों पर तैनात किया जा रहा है और सीमा पार अग्रिम चौकियों पर तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा, अग्निपथ योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में युवा लड़कियां सशस्त्र बलों में शामिल हो रही हैं।
राजनाथ सिंह ने भारत की विकास गाथा के एक अन्य प्रमुख पहलू पर बताया और कहा कि सरकार ने गतिविधियों को विकेंद्रीकृत करके और उन्हें दूर-दराज के क्षेत्रों तक ले जाकर पूरे देश में विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना जैसे कार्यक्रमों की बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमने बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से उत्तर-पूर्व के दूरदराज के हिस्सों और छोटे शहरों को मेट्रो शहरों से जोड़ा है और परिणामस्वरूप, सभी क्षेत्र साथ-साथ विकास कर रहे हैं”।
रक्षा मंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई पहलों और उपलब्धियों को भी सूचीबद्ध किया। “हमने सड़कों, हवाई अड्डों और रेलवे में बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित किया। वर्ष 2014 तक, भारत में 91,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग थे; आज ये बढ़कर लगभग 1.5 लाख किलोमीटर हो गये है। जहां वर्ष 2014 में भारत में केवल 74 हवाई अड्डे थे, वहीं आज यह संख्या दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा, “पीएम गति शक्ति योजना और राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के माध्यम से, हमने देश में 100 लाख करोड़ रुपये तक के बुनियादी ढांचे के विकास की योजना बनाई है” ।
समावेशी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की विकास की कहानी यह दर्शाती है कि आर्थिक विकास और वितरणात्मक न्याय के बीच कोई समावेशी समझौता नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा विकास मॉडल दिखाता है कि सभी के लिए समान अवसर और त्वरित विकास दर एक साथ प्राप्त की जा सकती है।”
रक्षा मंत्री ने आर्थिक प्रगति में मानव संसाधनों के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए कई हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला और ‘देश के मानव संसाधनों को बल’ देने को सबसे प्रभावशाली बताया। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 400 से अधिक नए विश्वविद्यालय, सात नए आईआईटी और सात नए आईआईएम की स्थापना, सरकार द्वारादेश में मानव संसाधनों को बढ़ावा देने हेतु कौशल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कौशल विकास के एक नए मंत्रालय को बनाना परिवर्तनकारी बदलाव को रेखांकित करता है।
राजनाथ सिंह ने इस विकास की कहानी को बनाए रखने के लिए देश के युवाओं में सरकार की विचारधारा और इसके प्रति विश्वास को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि युवा देश के भविष्य हैं, जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। रक्षा मंत्री ने व्यवसायिक नेतृत्व और अर्थव्यवस्था के अन्य सभी हितधारकों से 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने का आह्वान किया।
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