समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 2 जून : असम और पूर्वोत्तर के कई हिस्से भारी बारिश के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हैं। अब तक गुवाहाटी में पांच लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग इस आपदा से प्रभावित हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन प्रशासन को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस कठिन परिस्थिति के बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो संकट के बीच मानवता और उम्मीद की मिसाल बना है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें स्थानीय लोग बाढ़ के पानी में फंसे एक कछुए को सुरक्षित निकालकर ब्रह्मपुत्र नदी में छोड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने लिखा, “अंधेरे बादलों के बीच उम्मीद का कछुआ। यह कछुआ गुवाहाटी में बाढ़ के दौरान रास्ता भटक गया था। स्थानीय लोगों और प्रशासन ने मिलकर इसे फिर से ब्रह्मपुत्र में छोड़ दिया। कठिन समय में भी जीवों के प्रति संवेदना – यही असम की पहचान है।”
वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे लोग पानी से भरी गली में सावधानीपूर्वक कछुए को उठाते हैं और बाद में उसे नदी के किनारे छोड़ देते हैं, जहां वह धीरे-धीरे रेंगते हुए पानी में समा जाता है।
इस बीच, राज्य के आवास और शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने गुवाहाटी में जलभराव की समस्या को स्वीकार करते हुए कहा कि समाधान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
1 जून को सिलचर में 415.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 132 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1893 के 290.3 मिमी के आंकड़े से भी अधिक है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह असामान्य मौसम परिस्थितियां ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवात और निम्न स्तरीय द्रोणियों के चलते बनी हैं। इस गतिविधि का असर असम से अरुणाचल प्रदेश तक देखा जा रहा है।
केवल असम ही नहीं, बल्कि पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र इस आपदा से जूझ रहा है। बीते तीन दिनों में मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 34 लोगों की मौत हो चुकी है।
मिजोरम में 31 मई को सामान्य से 1102 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। मेघालय के 10 जिलों में बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचाई है। त्रिपुरा में 10,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि मणिपुर में 3,300 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।
हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकारें राहत और बचाव अभियानों को तेज कर रही हैं। इस आपदा के बीच नागरिकों की दयालुता और साहस प्रेरणादायक मिसाल बनकर उभरी है।
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