असम में अब सरकारी कार्यों में असमिया अनिवार्य; बराक घाटी में बांग्ला और बीटीआर में बोडो का प्रयोग भी होगा

गुवाहाटी, 16 अप्रैल: असम सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए घोषणा की है कि राज्य सरकार के सभी आधिकारिक कार्यों में अब से असमिया भाषा का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाएगा। यह नीति असमिया नववर्ष (1 बोहाग, 15 अप्रैल 2025) से लागू हो गई है।

यह आदेश असम राजभाषा अधिनियम, 1960 के तहत राजनीतिक (बी) विभाग द्वारा जारी किया गया है। इसके तहत अब सभी सरकारी अधिसूचनाएं, नियम, अधिनियम, स्थानांतरण आदेश और योजनाओं के दिशा-निर्देश असमिया और अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं में जारी किए जाएंगे।

लेकिन फिर भी राज्य की भाषाई विविधता का सम्मान रखते हुए, सरकार ने क्षेत्रीय अपवाद भी जोड़े हैं:

बराक घाटी में बांग्ला भाषा का अंग्रेज़ी के साथ योग होगा। में बोडो भाषा का अंग्रेज़ी के साथ प्रयोग होगा।

इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार से राज्य को मिलने वाली सभी अधिसूचनाएं 30 दिनों के भीतर सम्बंधित क्षेत्रीय भाषा में अनुवादित की जाएंगी — असमिया, बांग्ला या बोडो। वर्तमान अधिनियमों और नियमों का भी दो वर्षों में चरणबद्ध अनुवाद किया जाएगा, जिसमें विश्वविद्यालयों के भाषा विभागों की सहायता ली जाएगी।

“अनुवाद भाषिणी” ऐप का उपयोग शुरुआती अनुवाद के लिए सुझाया गया है, किन्तु अंतिम अनुवाद का मानव समीक्षा आवश्यक होगा। नई दिशा-निर्देशों के उत्तरदायित्व के बाद भी, अंग्रेज़ी भाषा का इस्तेमाल निम्न क्षेत्रों में यथावत होगा:

अंतर्राज्यीय और केंद्रीय संचार कानूनी अभिलेख और न्यायालयीय निविदाएं यह नीति असम की भाषाई विरासत को सहेजने और प्रशासनिक कामकाज को स्थानीय भाषाओं में सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके साथ ही, यह भारत में क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन की ओर एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

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