समग्र समाचार सेवा
जम्मू, 3 फरवरी। जम्मू कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसे संभवत: वीरवार या शुक्रवार को केंद्र सरकार व आयोग के सदस्यों (जम्मू कश्मीर के पांच सांसद) को सौंपा जा सकता है। अंतरिम रिपोर्ट जारी करने के बाद आयोग अगले एक माह के दौरान अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार कर जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा कर विधानसभा चुनावों के लिए रास्ता तैयार कर सकता है। आयोग के पास मार्च के पहले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने का समय है।
जम्मू में 6 कश्मीर संभाग में 1 सीट बढ़ेगी
आयोग ने हाल में जम्मू कश्मीर में बढ़ाई जा रही जिन सात सीटों का जिक्र किया है, उनमें से छह जम्मू और एक कश्मीर संभाग में है। इसके अलावा कुल 90 सीटों में नौ सीटें अनुसूचित जनजातियों और सात अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित रहेंगी।
आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर ली
संबंधित सूत्रों ने बताया कि आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके बारे में केंद्र को भी सूचित कर दिया गया है। कुछ औपचारिकताएं रहती हैं, जिन्हें आज-कल में पूरा कर लिया जाएगा और उम्मीद है कि यह वीरवार या शुक्रवार को सभी सदस्यों व केंद्र सरकार को सौंपी जा सकती है। इसके बाद आयोग की एक बैठक और होगी और फिर रिपोर्ट को जनता की आपत्तियों व सुझावों के लिए भी सार्वजनिक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों को पहली बार राजनीतिक आरक्षण मिलेगा।
सभी एसोसिएट सदस्यों को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
नेशनल कांफ्रेंस के सांसद जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग अपनी अंतरिम जिसे आप शुरुआती रिपोर्ट भी कह सकते हैं, अब किसी भी समय केंद्र सरकार के अलावा हम सभी एसोसिएट सदस्यों को सौंप सकता है, क्योंकि उसे मार्च के पहले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देना है। खैर, वह यह रिपोर्ट कब जमा करेगा और हमारी आपत्तियों पर उसने क्या रवैया अपनाया है, यह हमें जानकारी नहीं है। हम आयोग द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावित प्रारूप से पूरी तरह असहमत हैं। यह पूरी तरह से तर्कहीन और अन्यायोचित्त है।
छह मार्च 2020 को हुआ था आयोग का गठन
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई की अध्यक्षता में छह मार्च 2020 को परिसीमन आयोग गठित किया था। इसे जम्मू कश्मीर में मौजूदा 107 निर्वाचन क्षेत्रों को बढ़ाकर 114 करने के अलावा कुछ निर्वाचन क्षेत्रों का युक्तिकरण करने का जिम्मा सौंपा गया है।
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