सी पी राधाकृष्णन ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोहों में भाग लिया

उपराष्ट्रपति ने अटल बिहारी वाजपेयी को आधुनिक, आत्मविश्वासी भारत के वास्तुकार के रूप में सराहा

  • उपराष्ट्रपति ने तिरुक्कुरल का उल्लेख कर कर्म-आधारित महानता पर जोर दिया
  • अटल बिहारी वाजपेयी को संवाद, समावेश और मानवीय शासन का आदर्श बताया
  • ग्राम सड़क योजना, गोल्डन क्वाड्रिलेटरल और राज्यों के गठन को दूरदर्शी कदम कहा
  • डेली कॉलेज में देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा का अनावरण, इंदौर की स्वच्छता की सराहना

समग्र समाचार सेवा
इंदौर | 22 दिसंबर: भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया। अटल फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म से समान होते हैं, जबकि महानता कर्मों से अर्जित होती है। उन्होंने वाजपेयी को “एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक मिशन” बताते हुए कहा कि वे सिद्धांतों और मूल्यों पर सदैव अटल रहे।

संवाद और समावेश की राजनीति
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अटल जी सार्वजनिक विमर्श को गरिमा और शालीनता के साथ ऊंचा उठाने में विश्वास रखते थे। उनके नेतृत्व में राजनीति सिद्धांतपूर्ण और करुणामय हो सकती है—यह उन्होंने व्यवहार से दिखाया। इसी कारण उनका जन्मदिन ‘अच्छे शासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

 

 


संसदीय सुलभता और दूरदर्शी फैसले
व्यक्तिगत संस्मरण साझा करते हुए उपराष्ट्रपति ने बताया कि अटल जी सांसदों के लिए हमेशा सुलभ रहते थे और राष्ट्र-निर्माण के लिए सभी पक्षों के सुझावों को महत्व देते थे। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे नए राज्यों का गठन प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में दूरदर्शी कदम था।

राष्ट्र-निर्माण की पहलें
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और गोल्डन क्वाड्रिलेटरल जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन परियोजनाओं ने देश की आधारभूत संरचना को नई गति दी। 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों ने भारत के आत्मविश्वास को सुदृढ़ किया और राष्ट्र को आत्मनिर्भरता की दिशा में स्थापित किया।


आधुनिक भारत की दिशा
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अटल जी की सोच और विज्ञान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, जो ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्य की ओर देश का मार्गदर्शन कर रहा है।

तमिलनाडु से जुड़ाव और सांस्कृतिक सम्मान
उन्होंने वाजपेयी के तमिलनाडु से गहरे जुड़ाव, भाषाई विविधता और सांस्कृतिक बहुलता के प्रति सम्मान को रेखांकित किया, जिसने उन्हें वैचारिक सीमाओं से परे व्यापक सम्मान दिलाया।

अहिल्याबाई होलकर को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने डेली कॉलेज परिसर में देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने अहिल्याबाई को जनकल्याण के लिए निस्वार्थ जीवन समर्पित करने वाली दूरदर्शी शासिका बताया और इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने पर नागरिकों को बधाई दी।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मांगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.