बलूचिस्तान में अपहरण की गई ट्रेन पर हमला: बंदूकधारियों ने 50 बंधकों की हत्या की

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,13 मार्च।
बलूचिस्तान एक बार फिर हिंसा और आतंक का गवाह बना, जब अज्ञात बंदूकधारियों ने एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया और उसमें सवार 50 बंधकों की निर्मम हत्या कर दी। यह भयावह घटना “प्रलय के दृश्य” (Doomsday Scenes) के समान प्रतीत होती है, जिसमें पूरी ट्रेन मौत का सफर बन गई। इस दर्दनाक घटना की तस्वीरों में ट्रेन के अंदर लकड़ियों की तरह ताबूतों को एक के ऊपर एक रखा हुआ देखा जा सकता है, जो इस त्रासदी की भयावहता को दर्शाता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना बलूचिस्तान के एक संवेदनशील क्षेत्र में हुई, जहां आतंकवादियों ने ट्रेन को रोककर उसमें सवार यात्रियों को बंधक बना लिया। हमलावरों ने ट्रेन को हाईजैक करने के बाद यात्रियों को कतार में खड़ा कर दिया और बिना किसी दया के उन पर गोलियां बरसा दीं।

मौके पर मौजूद चश्मदीदों के अनुसार, यह दृश्य किसी भी युद्धग्रस्त क्षेत्र से कम नहीं था—चारों ओर खून, चीखें और भय का माहौल। यह हमला न केवल बलूचिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर देने वाला है।

बलूचिस्तान लंबे समय से उग्रवाद और अलगाववादी हिंसा का शिकार रहा है। यहाँ सक्रिय आतंकवादी गुट बार-बार नागरिकों, सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते आए हैं। यह घटना भी उसी बढ़ती अस्थिरता का एक हिस्सा मानी जा रही है, जिसमें निर्दोष नागरिकों की जानें गई हैं।

इस नृशंस हत्याकांड के बाद सरकार ने कड़ी निंदा की है और हमलावरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। सुरक्षाबलों ने घटना स्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन इस हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बलूचिस्तान की यह घटना मानवता पर एक गहरा आघात है। यह केवल एक आतंकवादी हमला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित नरसंहार है, जिसने निर्दोष यात्रियों की जिंदगियाँ छीन लीं। ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई और ट्रेन इस तरह मौत की गाड़ी न बने।

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