‘औरंगजेब ने मथुरा में तोड़ा था श्रीकृष्ण मंदिर’, ASI ने जन्मभूमि मामले पर दाखिल RTI का दिया जवाब

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6फरवरी। मैनपुरी के अजय प्रताप सिंह ने मंदिर के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में भारतीय पुरातत्व विभाग ने ब्रिटिश हुकूमत में वर्ष 1920 में प्रकाशित गजट के आधार पर दावा करते हुए जवाब दिया कि मस्जिद के स्थान पर पहले कटरा केशवदेव मंदिर था. जिसे ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण किया गया.

◆ मथुरा का विवाद भी कुछ-कुछ अयोध्या की तरह ही है.
◆ हिंदुओं का दावा है कि मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी.
◆ औरंगजेब ने 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था. इसके बाद शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई.
◆ मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है.

श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में एक बड़ी जानकारी सामने आई है. इसमें बताया गया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. इसका खुलासा आरटीआई में मांग गई जानकारी के आधार पर हुआ है.

■ आरटीआई में आगरा के पुरातत्व विभाग ने बताया कि औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर बनवाई गई मस्जिद के स्थान पर ही शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण हुआ है.
■ भारतीय पुरातत्व विभाग ने ब्रिटिश हुकूमत में वर्ष 1920 में प्रकाशित गजट के आधार पर दावा करते हुए जवाब दिया कि मस्जिद के स्थान पर पहले कटरा केशवदेव मंदिर था. जिसे ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण किया गया.
■ कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने बताया कि बिट्रिश हकूमत में संचालित जनकार्य विभाग के बिल्डिंग एंड रोड सेक्शन के द्वारा 1920 में इलाहाबाद से प्रकाशित कराए गए गजट में दर्ज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों के 39 स्मारकों की सूची उपलब्ध कराई थी. इस सूची में 37 नंबर पर कटरा केशव देव भूमि पर श्री कृष्ण भूमि का उल्लेख है. इसमें लिखा है कि कटरा टीले पर पहले केशव देव मंदिर था. यह ध्वस्त कर दिया गया था और उस स्थान का प्रयोग मस्जिद के लिए किया गया था.

मथुरा का विवाद भी कुछ-कुछ अयोध्या की तरह ही है. हिंदुओं का दावा है कि मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी. औरंगजेब ने 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था. इसके बाद शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई. मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है.

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