समग्र समाचार सेवा,
अयोध्या, 23 मई: अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य जन्मभूमि मंदिर का निर्माण अब अपने अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुका है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने आज इस सिलसिले में कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
जल्द पहुंचेगा ‘राम दरबार’ मंदिर परिसर में
मिश्रा के अनुसार, भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की दिव्य मूर्तियां – जिन्हें मिलाकर ‘राम दरबार’ कहा जाता है – आज किसी भी समय मंदिर के प्रथम तल में स्थापित होने के लिए अयोध्या मंदिर परिसर पहुंच सकती हैं। इन मूर्तियों की स्थापना के साथ ही मंदिर का पहला चरण पूर्ण हो जाएगा।
3 जून से प्रारंभ होगा प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान
3 जून 2025 से भव्य प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत होगी, जो 5 जून तक चलेगा। इस धार्मिक आयोजन के उपरांत राम दरबार की मूर्तियों की विधिवत स्थापना की जाएगी। मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि इस विशेष अवसर से पहले मुख्य मंदिर का संपूर्ण निर्माण कार्य हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा।
सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पूरे होंगे शेष निर्माण
राम मंदिर परिसर के अन्य निर्माण कार्यों – जैसे परकोटा (परिक्रमा मार्ग) और शेषावतार मंदिर – के सितंबर से अक्टूबर 2025 के बीच पूरे होने की संभावना है। मिश्रा ने कहा कि 2020 में जो मूल निर्माण योजना तैयार की गई थी, उसी के अनुसार यह भव्य परियोजना समयबद्ध ढंग से पूर्णता की ओर अग्रसर है।
सप्त मंदिर खंड और पुष्करणी का कार्य पूर्ण
राम मंदिर परिसर में बने सप्त मंदिर खंड का निर्माण पहले ही पूर्ण हो चुका है। इनमें ऋषि-मुनियों की मूर्तियां स्थापित कर दी गई हैं, जिससे परिसर की आध्यात्मिक गरिमा और भी बढ़ गई है। इसके अतिरिक्त, मंदिर के केंद्र में स्थित पुष्करणी (पवित्र जलकुंड) का निर्माण कार्य भी सफलतापूर्वक पूर्ण हो गया है।
मंदिर द्वारों और सुविधाओं का कार्य भी जारी
मंदिर में चार प्रमुख द्वार बनाए जा रहे हैं। इनमें उत्तर दिशा का द्वार, जो मई तक तैयार होना था, अब 30 जून तक पूरा हो पाएगा। इसके पश्चात 11 नंबर द्वार अगस्त के अंत तक और फिर 3 नंबर द्वार पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
मिश्रा ने यह भी बताया कि भक्तों की सुविधा के लिए ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस और अन्य आवश्यक संरचनाओं का निर्माण भी तेज़ी से प्रगति पर है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और प्राण प्रतिष्ठा के साथ यह दिव्य धाम पूरी भव्यता में शीघ्र ही भक्तों के दर्शन हेतु खोल दिया जाएगा। यह निर्माण कार्य न केवल भारत की आस्था का प्रतीक है, बल्कि एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत को नई ऊंचाई भी दे रहा है।
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