आयुष्मान भारत से अमृतकाल तक: 11 वर्षों में भारत की स्वास्थ्य क्रांति की नई इबारत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जून: बीते 11 वर्षों में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली ने एक ऐतिहासिक परिवर्तन का अनुभव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “जन-प्रथम” दृष्टिकोण को अपनाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ, सस्ती और समावेशी बनाने का कार्य किया गया है। आयुष्मान भारत योजना से लेकर डिजिटल स्वास्थ्य मिशन तक, हर कदम ने भारत को वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व की दिशा में अग्रसर किया है।

आयुष्मान भारत: दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना

2018 में शुरू हुई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) ने 55 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी है। 2024 में शुरू किए गए “आयुष्मान वय वंदना” के तहत अब 70 वर्ष और उससे ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को बिना किसी आय श्रेणी के लाभ मिल रहा है। जून 2025 तक इस योजना में 58 लाख से अधिक बुजुर्ग जुड़ चुके हैं और 2.67 लाख से अधिक इलाज हो चुके हैं।

डिजिटल हेल्थ से जुड़ रही हर नागरिक की पहचान

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) ने स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीक से जोड़ते हुए 78 करोड़ से अधिक डिजिटल हेल्थ आईडी (ABHA) बनाए हैं और 55 करोड़ से अधिक हेल्थ रिकॉर्ड्स को लिंक किया है। अब ABHA और आरोग्य सेतु जैसे ऐप्स के माध्यम से नागरिक आसानी से अपने स्वास्थ्य डेटा तक पहुंच बना सकते हैं।

महिला और बाल मृत्यु दर में ऐतिहासिक गिरावट

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, भारत की मातृ मृत्यु दर 2020 से 2023 के बीच प्रति लाख जन्मों पर 103 से घटकर 80 हो गई है। वहीं पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में भी 42% की कमी दर्ज की गई है। इन उपलब्धियों का श्रेय पीएम-जय, यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम और मिशन इंद्रधनुष जैसे अभियानों को दिया गया है।

स्वास्थ्य अवसंरचना को मिला नया जीवन

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) के तहत 64,180 करोड़ रुपये की लागत से 12 केंद्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स बनाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि भारत किसी भी भविष्य की महामारी या आपदा का मुकाबला करने में सक्षम हो।

सस्ती दवाएं और टेलीमेडिसिन की पहुंच

जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 50% से 90% तक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे लाखों परिवारों को आर्थिक राहत मिली है। वहीं, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म ने अब तक 37 करोड़ से अधिक परामर्श देकर ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सा पहुंचाई है।

 

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